कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद विपक्षी एकजुटता की कवायद में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब तृणमूल सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ मिला है। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने पुष्टि की है कि आगामी 25 सितंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल चौटाला की जयंती पर हरियाणा के फतेहाबाद में नीतीश कुमार की ओर से आहूत विपक्षी एकजुटता रैली में ममता बनर्जी भी शामिल होंगी। उन्होंने खुद फोन कर नीतीश कुमार को इस बारे में आश्वस्त किया है। रैली में नीतीश के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, प्रकाश सिंह बादल, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य गैर भाजपा दलों के नेता शामिल होंगे। भाजपा का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर भाजपा को सबक सिखाएंगी। ममता ने भी उनका समर्थन किया था।
हालांकि ममता बनर्जी के इस संभावित सफर को लेकर भाजपा ने कटाक्ष किया है। बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि विपक्ष महागठबंधन नहीं बल्कि महाठगबंधन बनाता है। सबकी अपनी अपनी महत्वाकांक्षा है। हर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता है। ममता बनर्जी का सपना इसमें सबसे बड़ा है। वह लंबे समय से कोशिश कर रही हैं लेकिन इस जन्म में उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।