लखनऊ : ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने हिन्दू पक्ष में फैसला देते हुए श्रृंगार गौरी में पूजा पर सुनवाई को अनुमति दी है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट की दलील खारिज की। वाराणसी जिला कोर्ट के बाहर इस फैसले को लेकर हलचल तेज थी।
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं, लेकिन, यह मामला बेहद खास है, क्योंकि तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने इसी मामले पर सर्वे के आदेश दिए थे, जिसमें मस्जिद के वुजूखाने में शिवलिंग होने का दावा किया गया था। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था और आज भी अपने दावे पर कायम है। वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा ढांचा मंदिर को तोड़कर बनाया गया है।
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण : कोर्ट के फैसले से पहले उप्र के सभी जिलों में अलर्ट
– कोर्ट के आदेश का पालन कराया जाएगा : एडीजी (कानून-व्यवस्था)
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में न्यायालय के फैसले के मद्देनजर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पूरे प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
एडीजी ने कोर्ट का फैसला आने से पहले सोमवार की दोपहर को एक बयान में कहा कि पुलिस के अधिकारियों को क्षेत्र में भ्रमण कर शांति व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अफसरों ने इस संबंध में सभी संबंधित पक्षों से बातचीत की है कि कोर्ट का जो भी आदेश होगा, उसे सख्ती से पालन कराया जायेगा। कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए लोगों से अपील की गई है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की पुलिस को अलर्ट किया गया है ताकि कोई भी उपद्रवी तत्व इन परिस्थितियों का बेजा फायदा न उठा सके, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किया गया है। सेक्टर स्कीम के तहत अधिकारी भी भ्रमण कर रहे हैं। पीआरवी वाहनों को लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। डिजिटल वालंटियर को भी सतर्क किया गया है। वाराणसी में जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू किए जाने के सवाल पर एडीजी ने कहा कि वो वहां के प्रशासन ने स्थिति को भांपते हुए निर्णय लिया होगा।