कोलकाता : कथाकार -संस्मरण लेखक और संगठन कर्ता कपिल आर्य का निधन हो गया है । उनकी उम्र 84 वर्ष से कुछ ऊपर थी। साँस की तकलीफ के कारण वे महानगर के निजी अस्पताल में भर्ती थे । वह अपने पीछे पत्नी, बेटा एवं बेटी छोड़ गये हैं । उन्होंने प्रगतिशील लेखक संघ का दायित्व लम्बे समय तक सम्भाला था ।
कोलकाता की प्रलेस इकाई की गतिविधियों और इतिहास के दस्तावेजीकरण के लिए भी उन्होंने प्रयास किया था। बांग्ला अकादमी के सभाकक्ष में “कथाकार की पहली कहानी” पर उन्होंने एक संगोष्ठी का आयोजन किया था जो अपने में अद्भुत था। उनके कुछ संस्मरण और कहानियां विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। एक कहानी संग्रह ‘युद्धस्थल एवं अन्य कहानियाँ’ भी प्रकाशित हो चुका है। संगोष्ठियों का आयोजन प्रसन्नता से करने वाले और नये लेखकों को संगठन से प्रसन्नता से जोड़ने वाले बेहद जीवंत और ऊर्जावान व्यक्ति थे।
कालीघाट के केवड़ा तल्ला श्मशान घाट पर संपन्न उनकी अंत्येष्टि में साहित्य बिरादरी के काफी लोग शामिल हुए जैसे
कथाकार सिद्धेश, विमलेश्वर, ब्रजमोहन सिंह, निर्भय देवयांश, प्रभाकर चतुर्वेदी, राज्यवर्धन, हरे राम कात्यायन, गीता दूबे, सेराज खान बातिश, जयनारायण प्रसाद के साथ अन्य पारिवारिक लोग।मखाग्नि कपिल आर्य के पुत्र विप्लव आर्य ने दी। कोलकाता के साहित्य जगत को उनकी कमी खलेगी।