विश्व भारती विवाद पर बोले कुलपति : ममता आँख के बजाय कान से देखती हैं

कोलकाता : विश्वभारती में जमीन विवाद को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन और राज्य सरकार के बीच तकरार लगातार जारी है। विश्वभारती को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर एक बार फिर विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम लिखे पत्र सह प्रेस रिलीज में उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी की एक बहुत बड़ी समस्या यह है कि सब लोग आँख से देखते हैं लेकिन वह अपने कानों से देखती हैं। मतलब जमीनी हकीकत को समझे बगैर सुनी सुनाई बातों पर भरोसा करती हैं और उसी पर बयान देती हैं। यह दुर्भाग्यजनक है। अपने इस पत्र में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम के जिला तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल का भी उल्लेख किया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि कान से देखने के बजाय विवेकपूर्ण चिंतन करें। आज आप के मंत्री और बड़े नेता जेल के अंदर हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है क्योंकि आप आँख से नहीं, कान से देखती हैं और ऐसे फैसले लेकर खुद बर्बाद हो रही हैं। आपका प्रिय शिष्य जिसके बगैर आपने कभी बीरभूम जिले की कल्पना नहीं की थी, आज जेल में है। अगर आप सावधान होतीं तो बदनामी से बच सकती थीं लेकिन आज भी आप अपने कान से देख रही हैं जो भविष्य में आप को और अधिक समस्या में डालने वाला होगा।

ममता ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का जो जिक्र किया है उस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कुलपति ने कहा है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है। हमारे ऊपर आपका आशीर्वाद नहीं रहेगा तो अच्छा है। हम प्रधानमंत्री के दिखाए हुए मार्ग पर चलने वाले हैं । आपको राज्य के विश्वविद्यालयों की स्थिति के बारे में चिंता करनी चाहिए। उनकी क्या हाल हकीकत है आपको पता है ना। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में हालात को लेकर राज्य सरकार के साथ लगातार टकराव जारी है। नोबेल विजेता अमर्त्य सेन पर विश्वविद्यालय की 1.38 एकड़ जमीन कब्जाने का आरोप है लेकिन राज्य सरकार ने दावा किया है कि वह जमीन सेन की है। इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक दिन पहले ही बीरभूम के बोलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विश्व भारती प्रबंधन पर संस्थान के भगवाकरण का आरोप लगाया था। इसके साथ ही उन्होंने कुलाधिपति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने की बात कही है।

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