कोलकाता : नृत्यांगना, शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता (सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल) रुबेना चटर्जी ने ऑटिज्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान बताया कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का शुरुआती व्यवहार उंगलियों के मूवमेंट से क्या होता है। रुबीना ने नृत्य में तीन सिक्कों का संकेत देकर दर्शकों को बात स्पष्ट की।
‘वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे’ पर न्यूरोडेवलपमेंटल पीडियाट्रिशियन व चाइल्ड डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट डॉ. अंजन भट्टाचार्य ने कहा कि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का जन्म के समय पता लगाया जा सकता है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोग इस विषय की पहचान क्लिनिकल जनरल मूवमेंट असेसमेंट करके कर सकते हैं।
‘जर्नी बियॉन्ड द स्पेक्ट्रम’ नामक परिचर्चा सत्र में ‘नवजात शिशु विकास केंद्र’ की ओर से पॉलमी नियोगी ने कहा कि प्रमोशन होगा तभी जागरुकता बढ़ेगी, स्वीकार्यता बढ़ेगी! इसके विपरीत, भावनात्मक ग्रहणशीलता के साथ जागरूकता और बढ़ावा देने की इच्छा आती है।