अल्जाइमर के रूप में नयी बीमारी अस्तित्व में आई। एमिल क्रेपलिन ने एलॉइस अल्जाइमर के नाम पर इस बीमारी का नामाकरण किया क्योंकि जर्मनी के मनोवैज्ञानिक व न्यूरोलॉजिस्ट एलॉइस अल्जाइमर ने 1906 में इस बीमारी की खोज की थी।
उन्होंने इस बीमारी से जुड़े लक्षणों की पहचान की थी। यह याददाश्त में कमी से जुड़ी गंभीर बीमारी है जो आमतौर पर 60 वर्ष के बाद लोगों में देखा गया है।
यह रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली और कई बार सिर में गंभीर चोट के कारण हो सकती है। इस बीमारी में मस्तिष्क के स्नायुओं के क्षरण से रोगियों की बौद्धिक क्षमता और व्यावहारिक लक्षणों पर भी असर पड़ता है। इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है।