कोलकाता : पूर्व मेदिनीपुर में टावर धोखाधड़ी मामले में मंगलवार को राज्य पुलिस को हाईकोर्ट में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। नाराज न्यायाधीश ने पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक से पूछा कि 2014 के मामले में दिसंबर 2022 में आरोप पत्र क्यों दाखिल किया गया? इतने साल बाद चार्जशीट क्यों?
उल्लेखनीय है कि 2014 में पूर्व मेदिनीपुर के तमलुक के नंदकुमार थाने के एक व्यक्ति ने लिखित शिकायत की थी कि उसे टावर लगाने के संबंध में एक संस्था से फोन आया था। कहा जा रहा है कि चार-G टावर लगाए जाएंगे। अगर पर्याप्त जगह होगी तो उसे टावर लगाने के लिए पर्याप्त पैसा दिया जायेगा। साथ ही उनके घर के दो लोगों को सिक्योरिटी के तौर पर नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने अपना कार्यालय सेक्टर वन, साल्ट लेक न्यूटाउन में बताया था। इस तरह प्रलोभन दिखाकर व्यक्ति से कई लाख रुपये ठग लिये गये। उस शख्स की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। पता चला कि कंपनी ने फर्जी लोगो और फर्जी नाम का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये की ठगी की है।