कोलकाता : पश्चिम बंगाल के विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के 12 पूर्व कुलपतियों ने गुरुवार को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को कानूनी नोटिस भेजा है। राज्यपाल होने के नाते आनंद बोस राज्य के सभी विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति हैं।
ये 12 पूर्व कुलपति वे हैं जिनका हाल ही में राज्यपाल ने उल्लेख किया था। राज्यपाल ने दावा किया कि उन कुलपतियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उनकी नियुक्तियां मानदंडों के अनुसार नहीं थीं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि कानूनी नोटिस राज्यपाल को नहीं बल्कि कुलाधिपति को भेजा गया है। उनका तर्क है कि राज्यपाल की टिप्पणी से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है।
कानूनी नोटिस में इन 12 कुलपतियों ने मांग की है कि राज्यपाल को अपना बयान वापस लेना चाहिए और अगले 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी मांगनी होगी। ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया जाएगा। उन्होंने राज्यपाल से प्रत्येक के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की है।
सात अक्टूबर को, राज्यपाल ने एक वीडियो संदेश जारी कर स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से उन्हें अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति करनी पड़ी है। राज्यपाल ने कहा था कि राज्य सरकार ने जिन कुलपतियों की नियुक्ति की थी उनमें से कुछ पर दुष्कर्म के आरोप थे तो कई पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को परे हटाकर की गई थी।