कोलकाता : जूट मिल की यूनियनों ने मजदूरों की दैनिक मजदूरी न्यूनतम 1 हजार रुपये अर्थात 26 हजार रुपये मासिक करने की माँग की है। गत 6 अक्टूबर को राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने लेबर कमिश्नर, मिल मालिकों के संगठन इज्मा और जूट मिलों में सक्रिय सभी 21 यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में यूनियनों ने मिलों में 90 : 20 के अनुपात में अर्थात 90 फीसदी परमानेंट मजदूर और 20 फीसदी स्पेशल बदली मजदूरों की व्यवस्था बहाल करने की भी माँग की। ठेका और वाउचर सिस्टम को बंद कर मजदूरों को मास्टर रोल में लाने की माँग उठायी गयी।
एन एफ आई टी यू संगठन से सम्बद्ध जूट टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन की प्रदेश इकाई के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट ओंकार साव ने बताया कि इस बैठक में मजदूरों का हाउस रेंट (घर भाड़ा) 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने की माँग रखी गयी। यूनियनों ने मजदूरों का बकाया पीएफ और ग्रेच्युटी का भुगतान कर कोई बकाया न रखने की माँग भी रखी। यूनियनों के प्रतिनिधियों ने डीए का एक प्वाइंट पर 1.90 रुपये के बजाय प्रति प्वाइंट 5 रुपये करने और मजदूरों पर वर्क लोड न बढ़ाने की भी माँग उठायी।
ओंकार साव ने कहा कि मजदूरों की बेसिक मजदूरी में 1 रुपया के बजाय 5 रुपये की बढ़ोतरी की भी माँग रखी गयी। यूनियनों ने किसी गलती पर मिल प्रबंधन द्वारा मजदूरों को मनचाहे तरीके से सीधे गेट बाहर करने के बजाय शो-कॉज, वॉर्निंग जैसी कानूनी प्रक्रियाओं का अनुपालन करने पर जोर दिया। वहीं यूनियनों ने मिल प्रबंधन से अचानक सस्पेंशन ऑफ वर्क नोटिस लगाने की मानसिकता छोड़ने और 30 दिनों का एडवांस नोटिस देने के नियम को मानने का अनुरोध किया।
इस बैठक में सभी यूनियनों ने तृणमूल कांग्रेस की यूनियन आई एन टी टी यू सी के नेता और विधायक सोमनाथ श्याम के एक प्रस्ताव के सिरे से ख़ारिज कर दिया। सोमनाथ श्याम ने प्रस्ताव रखा था कि मजदूरों की उम्र 45 वर्ष होने पर स्पेशल बदली और 50 वर्ष वर्ष होने पर परमानेंट का दर्जा दिया जाये। सभी यूनियनों ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव मजदूरों के हितों के विरुद्ध है, ऐसे प्रस्ताव की वे कड़ी निंदा करते हुए उसे खारिज करते हैं।
श्रम मंत्री की अध्यक्षता में 16 अक्टूबर को बैठक होनी थी लेकिन मिल मालिकों के संगठन इज्मा ने उस दिन शामिल होने में असमर्थता जतायी जिसके बाद बैठक दुर्गापूजा के बाद होने की संभावना है।