हुगली : चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत श्रीरामपुर थाने की पुलिस ने हाल ही में फर्जी आयकर अधिकारी बनकर एक सोना पिघलने वाली दुकान में लूट को अंजाम देने वाले पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
शनिवार को श्रीरामपुर थाने में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी श्रीरामपुर जोन डॉक्टर अरविंद आनंद ने बताया कि भगवंत गजगे नामक एक व्यक्ति के श्रीरमापुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई कि गत 22 नवंबर की शाम को उनकी गोल्ड मेल्टिंग शॉप पर चार लोग पहुंचे और उन्होंने खुद को आयकर अधिकारी बताया।
उनको भय दिखाकर फर्जी आयकर अधिकारियों ने 100 ग्राम सोना और ढाई लाख रुपए उनसे ले लिया। उन्होंने दुकान के मालिक को भी अपनी गाड़ी में बैठाया और दिल्ली रोड में ले जाकर सिंह ढाबा के पास उन्हें छोड़ दिया। फर्जी आयकर अधिकारी उनसे पैसा और सोना लेकर फरार हो गए। श्रीरामपुर थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने तत्परता से मामले की जांच शुरू की।
पुलिस ने दुकान और आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और गाड़ी के नंबर की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी के चालक संटू माइति को गोलाबाड़ी थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया। संटू के बयान के आधार पर मामले में शामिल अन्य चार आरोपियों की पहचान की गई एवम् उनको कस्बा थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके नाम सागर कापसे, प्रशांत मालिक, चेतन प्रकाश और दत्ता बोरंगले है। चेतन प्रकाश को पुलिस रिमांड में लेकर पुलिस ने दस हजार रुपए बरामद किया। बाकी तीन आरोपितों को टीआई परेड के बाद रिमांड पर लिया गया। इस दौरान एक दिसंबर को और एक लाख 46 हजार रुपए बरामद किए गए। पुलिस ने कोलकाता के बहुबाजार इलाके के एक गोल्ड मेल्टिंग शॉप से 43 ग्राम सोना बरामद किया।
डीसी ने बताया कि यह एक जटिल मामला था लेकिन एसीपी(2) शुभंकर, श्रीरामपुर थाना प्रभारी दिव्येंदु दास और केस के जांच अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह शाहिद पूरी टीम की मेहनत के कारण इतनी जल्दी नतीजा सामने आया। डीसी ने बताया यह पेशेवर अपराधी हैं। इन्होंने पहले भी इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया है। यह फर्जी आयकर अधिकारी बनकर सोना पिघलने की दुकानों में जाकर दुकानदारों को डरा कर उन्हें लूट लिया करते थे। फिलहाल सभी आरोपित पुलिस के रिमांड में है। पुलिस उनसे पूछताछ कर मामले के बारे में अन्य जानकारियां जुटाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस ने बताया कि गाड़ी चालक को छोड़कर सभी आरोपित महाराष्ट्र से संबंधित है और वह क्राइम को अंजाम देने के लिए ही श्रीरामपुर आए थे।