कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने डीए आंदोलनकारियों को राज्य सचिवालय नवान्न बस स्टैंड के पास बैठकर विरोध प्रदर्शन करने की सशर्त अनुमति दी है। जस्टिस राजशेखर मंथा ने गुरुवार को कहा कि धरना कार्यक्रम 72 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकता। वहां एक समय में 300 से ज्यादा लोग मौजूद नहीं रह सकते। इस पर राज्य सरकार की ओर से आपत्ति जताई गई थी जिस पर जज ने कहा कि अगर रेड रोड पर या जहां धारा 144 लगी है वहां राजनीतिक कार्यक्रमों की इजाजत है तो सचिवालय के सामने क्यों नहीं?
संघर्ष संयुक्त मंच डीए की मांग को लेकर नवान्न बस स्टैंड के सामने धरना कार्यक्रम करना चाहता है। पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद हाईकोर्ट में केस दायर किया गया। विक्रम बनर्जी, डीए आंदोलनकारियों के वकील है़ं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को हाईकोर्ट ने कार्यक्रम की सशर्त इजाजत दे दी है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि धरना प्रदर्शन से कोई काम नहीं होता है।
इस पर जज ने यह भी कहा कि किसने कहा कि धरना-प्रदर्शन से काम नहीं चलता? स्कूल में नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थी धरना देते हैं, सरकार के प्रतिनिधि वहां बोलते हैं। अगर यह काम नहीं करता है तो आप ऐसा क्यों कर रहे हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही संघर्ष संयुक्त मंच ने नवान्न अभियान की तारीख की घोषणा की। उन्होंने 22, 23 और 24 दिसंबर यानी शुक्रवार से रविवार तक नवान्न बस स्टैंड के सामने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम का आह्वान किया है।