उपन्यासकार संजीव ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित

पश्चिम बंग हिन्दी भाषी समाज ने दी बधाई                  कोलकाता : हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार संजीव के उपन्यास “मुझे पहचानो” को इस वर्ष का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। बुधवार को साहित्य अकादमी की ओर से विभिन्न भाषाओं के लिए साहित्यकारों और उनकी रचनाओं की घोषणा की गयी।

संजीव को यह सम्मान मिलने पर पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लेखक को बधाई दी है।

पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज के अध्यक्ष हेमंत प्रभाकर और महासचिव श्रेया जायसवाल ने कहा कि आजादी के बाद पश्चिम बंगाल से पूरे देश में कहानी और उपन्यास लेखन के लिए कथाकार संजीव सबसे लोकप्रिय लेखक रहे हैं। सत्तर के दशक में कमलेश्वर के संपादन में” सारिका “पत्रिका में”प्रकाशित”अपराध” कहानी के माध्यम से संजीव की पहचान बननी शुरू हुई थी। कुल्टी संजीव का कार्यक्षेत्र रहा है। कुल्टी में रहते समय ही संजीव ने साहित्य सृजन के साथ ही कोयलांचल क्षेत्र में साहित्यिक गतिविधियों को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पश्चिम बंगाल के कोयलांचल का यथार्थ उनके उपन्यास “सावधान नीचे आग है” सहित कई कहानियों में अभिव्यक्त हुआ है।

संजीव के 50 साल पर उनके पाठकों ने रानीगंज में ऐतिहासिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया था। संजीव के सम्मान में “हंस” पत्रिका के संपादक प्रसिद्ध कथाकार राजेंद्र यादव रानीगंज आए थे। हिंदी साहित्य के इतिहास में यह अविस्मरणीय आयोजन था।
संजीव को साहित्य अकादमी पुरस्कार बहुत पहले मिलना चाहिए था।

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