◆ वॉयस सैंपलिंग के आदेश को डिवीजन बेंच में दी चुनौती ◆
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले नकद मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र उर्फ कालीघाट वाले काकू की आवाज के नमूने आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ले लिया है। उनकी आवाज का नमूना केंद्र संचालित ईएसआई, जोका अस्पताल में परीक्षण कराए जाने के बाद गुरुवार को सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज में उन्हें वापस लाया गया है। अब ईडी के एक अधिकारी ने गुरुवार की दोपहर इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कालीघाट वाले काकू से एक ही वाक्य को कई बार बुलवाया गया ताकि रिकॉर्ड किया जा सके। सूत्रों ने बताया है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के लिए काकू ने जिन उम्मीदवारों से फोन पर बात की थी उसकी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। उसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी जिक्र है और काकू से जो शब्द कहलवाए गए हैं वह इस फोन से मिलता-जुलता है। इसलिए माना जा रहा है कि एक बार फिर अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सूत्रों ने बताया कि भद्र को ईएसआई के एक विशेष ध्वनि-रोधी कमरे में ले जाया गया। अस्पताल और वहां उनसे वही वाक्य कई बार दोहराने को कहा गया जो रिकॉर्ड किया गया था। अब रिकॉर्डिंग का मिलान उस कॉल रिकॉर्डिंग से किया जाएगा, जो ईडी के अधिकारियों ने उसके मोबाइल फोन से हासिल की थी, जहां वह किसी से अपने मोबाइल फोन से सभी रिकॉर्ड हटाने के लिए कह रहे थे । पूरी प्रक्रिया बुधवार देर रात पूरी हुई और आखिरकार गुरुवार की तड़के वह एसएसकेएम लौट आए। यहां वह पिछले साल अगस्त में अपनी बायपास सर्जरी के बाद से भर्ती हैं।
एसएसकेएम अस्पताल प्रशासन की अनिच्छा के बावजूद ईडी के लिए भद्र का वॉयस सैंपलिंग टेस्ट कराना आसान नहीं था। अस्पताल के अधिकारी उन्हें चिकित्सा आधार पर परीक्षण करने की अनुमति नहीं दे रहे थे। यहां तक कि ईडी के अधिकारियों ने भी एसएसकेएम पर आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में शिकायत की थी कि जानबूझकर वॉयस सैंपलिंग टेस्ट में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है। बुधवार रात को भी ऐसा ही प्रयास हुआ था लेकिन केंद्रीय बलों की टीम के साथ अस्पताल पहुंचे ईडी अधिकारियों ने साफ कर दिया था कि जो भी बाधा बनेगा उसे हिरासत में लिया जाएगा। इसके बाद वॉयस सैंपलिंग रिकॉर्डिंग संभव हो पाई है।
सुजय कृष्ण भद्र ने वॉयस सैंपलिंग के आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की है।