कोलकाता : विद्यासागर कॉलेज के तत्वावधान में अनुवाद के व्यवाहरिक पक्ष पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन कॉलेज सभागार में किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता यूको बैंक के मुख्य प्रबंधक (राजभाषा) अजयेंद्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि अनुवाद संस्कृतियों के बीच सेतु तथा ज्ञान यात्रा का राजमार्ग है। इसमें शब्दों के नहीं, सांस्कृतिक प्रतीकों तथा अर्थगौरव का भाषाई अंतरण किया जाता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित लाल बाबा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार ने कहा कि अनुवाद सिर्फ भाषा का नहीं बल्कि संस्कृतियों का भी होता है। हिंदी के प्रचार–प्रसार और विस्तार में अनुवाद का बहुत बड़ा योगदान है। इस अवसर पर कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राम प्रवेश रजक ने साहित्य और कला के विकास में अनुवाद की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की।
संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं कॉलेज की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सुदीपा बंद्योपाध्याय ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि हिंदी विभाग का यह कार्य सराहनीय है। दो सत्रों में हुए इस संगोष्ठी का कुशल संचालन कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सुलेखा कुमारी ने किया तथा प्रो० मनीषा त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डॉ. अर्जुन ठाकुर, श्रीमोहन तिवारी, दिव्या प्रसाद, दीक्षा गुप्ता, परमजीत पंडित, विद्या रजक, प्रियंका सिंह, प्रीतम रजक, विवेक तिवारी आदि के साथ विभिन्न कॉलेजों के शोधार्थी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में ईशा सिंह, सुनीता कुमारी, ज्योतिका प्रसाद, पूर्णिमा, संजना, निशा, अर्पण बारीक की सक्रिय भूमिका रही।