कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई में शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए कई वरिष्ठ नेताओं को मनाने का महत्वपूर्ण संकेत देते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। नाराज चल रहे नेताओं के प्रति सुर नरम करते हुए उन्होंने कहा है कि गलतियां हर किसी से होती है, हम लोगों से भी हुई होंगी। उन्होंने पार्टी नेताओं को व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर पार्टी के हित को सोचने की नसीहत देते हुए कहा कि दल सर्वोपरि है।
शनिवार को नेशनल लाइब्रेरी में राज्य इकाई की मंथन बैठक के दौरान मजूमदार ने कहा कि पार्टी किसी एक व्यक्ति की नहीं होती, आज मैं भले ही प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हूं लेकिन कुछ महीनों पहले मैं सामान्य कार्यकर्ता था। आज मैं इस पद पर हूं, कल नहीं रहूंगा, यहां कोई और आएगा। मेरे पहले दिलीप घोष थे और उसके पहले राहुल सिन्हा थे। पार्टी का निर्णय कोई एक व्यक्ति नहीं लेता बल्कि यह एक टीम वर्क की तरह है। कई बार सामूहिक रूप से लिए गए फैसले सही होते हैं और कई बार गलतियां भी होती हैं। धरती पर ऐसी कोई पार्टी या ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके सारे फैसले सही हो जाएं। हमलोग एक बड़े संगठन से जुड़े हुए हैं इसलिए शीर्ष नेतृत्व के निर्देश को मानकर चलते हैं। यही अनुशासन है और इसी की वजह से भाजपा आज इतनी बड़ी पार्टी बन सकी है।
उल्लेखनीय है कि सुकांत मजूमदार के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही बंगाल भाजपा में लगातार विद्रोह के सुर तेज हो गए हैं। लॉकेट चटर्जी जैसी लड़ाकू महिला नेता भी नाराज हैं और आज की बैठक में वह नेतृत्व के साथ बैठने के बजाय दर्शक दीर्घा में बैठी हुई थीं। इसके अलावा रितेश तिवारी, जयप्रकाश मजूमदार को पहले ही बागी तेवर की वजह से पार्टी से अस्थायी तौर पर निलम्बित किया जा चुका है। शुभेंदु अधिकारी भी कथित तौर पर नाराज बताए जा रहे हैं।
इसके अलावा सुकांत मजूमदार के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से जीते हुए कई विधायक, पार्षद तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट चुके हैं जिसकी वजह से उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस बीच इशारे-इशारे में अपनी गलती को सार्वजनिक तौर पर उनके द्वारा स्वीकार किए जाने को लेकर माना जा रहा है कि उन्होंने बागी तेवर अपनाने वाले नेताओं को एक बार फिर एकजुट होकर काम करने के संकेत दिए हैं।