कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसा है। बुधवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले से तय हुआ था कि विधानसभा में 9 और 10 मार्च को ढाई-ढाई घंटे की चर्चा राज्यपाल के धन्यवाद ज्ञापन पर होगी, लेकिन मंगलवार शाम को अचानक विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने भाजपा विधायक दल के नेता मनोज टिग्गा को फोन कर कहा कि आज यानी 9 मार्च को ही चर्चा खत्म करनी होगी। आखिर ऐसा क्यों? विधानसभा की हर एक संवैधानिक नीति को तोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के इशारे पर यह निर्णय लिया गया है ताकि 10 मार्च को ममता बनर्जी को विधानसभा नहीं आना पड़े। इसकी वजह है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जीत हो रही है और उस समय ममता खुद को मीडिया के सामने नहीं रखना चाहतीं ताकि किरकिरी ना हो। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी जैसा हिटलर और मुसोलिनी पूरी दुनिया में कोई और नहीं है।
इतना ही नहीं, उन्होंने दिवंगत तृणमूल नेता और ममता कैबिनेट में विधायक साधन पांडे को भी अपमानित करने का आरोप ममता और उनकी पार्टी के विधायकों पर लगाया। उन्होंने कहा कि अमूमन ऐसा होता रहा है कि विधानसभा से पहले जितने वरिष्ठ विधायकों अथवा नेताओं की मौत होती है, उन पर विधानसभा में शोक प्रस्ताव लाया जाता है और उनके योगदान पर चर्चा होती है। जब सुब्रत मुखर्जी का निधन हुआ था तब ऐसा किया गया था और भाजपा ने उसमें हिस्सा भी लिया था लेकिन दिवंगत विधायक साधन पांडे के निधन को लेकर ऐसा कुछ नहीं किया गया। हमें उम्मीद थी कि चर्चा होगी इसलिए मैंने इसकी जिम्मेदारी अपने दो विधायकों को दी थी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में एकमात्र व्यक्ति ममता बनर्जी हैं और एक ही पद है मुख्यमंत्री का। इसके अलावा किसी का कोई महत्व नहीं है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इसी तरह से 10 मार्च को भी किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जीत तय देखकर ममता मीडिया और अपने विधायकों के सामने नहीं आना चाहतीं, इसीलिए राज्यपाल को धन्यवाद ज्ञापन संबंधी चर्चा भी आज ही खत्म कर दी गई, यह ठीक नहीं है।