कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मंगलवार से शुरू हुए मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सम्मेलन के दौरान विगत चुनावों में वाम मोर्चा की हार के संभावित कारणों पर एक रिपोर्ट पेश की गई है। इसमें दावा किया गया है कि राज्य की जनता ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यों से बेहद खुश है इसलिए लोगों का झुकाव तृणमूल की ओर अधिक है। मूल रूप से माकपा ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है जिसमें बताया गया है कि महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाएं ममता बनर्जी की जीत में सबसे सहायक बनी हैं।
माकपा की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ममता सरकार की तरफ से शुरू की गईं ”लक्ष्मी भंडार” समेत विभिन्न योजनाओं के तहत मिल रहीं सुविधाओं के कारण आम लोगों का एक बड़ा वर्ग तृणमूल के खिलाफ जाने को तैयार नहीं है।
माकपा के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया-”लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करके सरकारी अनुदान पर निर्भर बनाया जा रहा है। लोग सरकारी अनुदान वाली योजनाओं से खुश हैं इसलिए हमारी सटीक बातों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।” बंगाल सरकार का ”दुआरे सरकार” अभियान बेहद सफल रहा है। ”लक्ष्मी भंडार” योजना को भी भारी सफलता मिली है। माकपा समेत सभी वामदल मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों के लिए आंदोलन करते आए हैं लेकिन इस वर्ग को ममता सरकार ने अपनी योजनाओं के जरिए पूरी तरह अपनी ओर खींच लिया है, जिससे वामदलों का जनाधार तेजी से कम होता चला जा रहा है।’’