बीरभूम नरसंहार : थाना प्रभारी और मिहिलाल को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ

CBI

कोलकाता  : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में आगजनी में हुई नौ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच तेज कर दी है। रामपुरहाट में केंद्रीय एजेंसी की ओर से बनाए गए अस्थाई कैंप में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन मिहिलाल शेख को अन्य आरोपितों के साथ बिठाकर पूछताछ की जा रही है। मिहिलाल के पूरे परिवार को जिंदा जला दिया गया है।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए रामपुरहाट के ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष अनारूल हुसैन के साथ सोमवार को मिहिलाल शेख को बैठाकर पूछताछ हुई थी। अब मंगलवार को एक बार फिर सीबीआई की टीम मिहिलाल को अस्थाई कैंप में ले गई है, जहां रामपुरहाट के निलंबित थाना प्रभारी त्रिदीप प्रमाणिक के साथ बैठाकर पूछताछ की जा रही है। सीबीआई के बुलावे पर मंगलवार सुबह करीब 11 बजे त्रिदीप केंद्रीय एजेंसी के अस्थाई कैंप में पहुंचे थे, जहां उनसे पूछताछ शुरू हुई। इसके अलावा इस मामले में निलंबित एसडीपीओ शायन अहमद से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।

थाने का सीसीटीवी फुटेज देखा जाएगा

केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि थाने का सीसीटीवी फुटेज देखा जाएगा। जिस समय गांव में आगजनी हो रही थी, उस समय थाने में पुलिस कर्मियों की क्या गतिविधि थी और कौन-कौन वहां मौजूद था, यह भी जांचा जाएगा। मिहिलाल ने सीबीआई अधिकारियों को बताया है कि जब घर में आगजनी हो रही थी तब तुरंत पुलिस और तृणमूल नेता अनारूल हुसैन को इस बारे में जानकारी दे दी गई थी। आरोप है कि पुलिस को अनारूल हुसैन ने रोक दिया था और जानकारी होने के बावजूद घटनास्थल पर पुलिस की टीम नहीं पहुंची, जिसकी वजह से गांव में लोगों को बुरी तरह से मारने-पीटने के बाद अंदर बंद कर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी। निलंबित थाना प्रभारी से पूछा गया है कि तृणमूल नेता की हत्या के बाद गांव में संभावित हिंसा के बावजूद पुलिस क्यों नहीं पहुंची? सूत्रों ने बताया है कि उनकी गिरफ्तारी की भी आशंका है।

उल्लेखनीय है कि गत 21 मार्च की रात तृणमूल नेता भादू शेख की बम मार कर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद कथित तौर पर बदले के लिए शेख के समर्थक 70 से 80 तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सड़क के उस पार 200 मीटर की दूरी पर मौजूद बगटुई गांव के 10 से 12 परिवारों को मारा-पीटा और उन्हें घर के अंदर बंद कर बाहर से आग लगा दी थी। इस जघन्य वारदात में अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि पुलिस कर चुकी है। इसमें मिहिलाल शेख के परिवार के सात लोग जिंदा जला दिए गए हैं। फिलहाल वह संभावित हमले के डर के साए में रह रहे हैं और अपना घर छोड़कर बतासपुर में अस्थाई तौर पर रहते हैं। सीबीआई के अधिकारी उन्हें वहीं से लेकर अस्थाई कैंप में ला रहे हैं, जहां पूछताछ चल रही है। इस कैंप की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों के 35 जवानों को लगाया गया है।

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