कोलकाता : कोयला मंत्रालय के सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन ने सोमवार को 9वीं अंतरराष्ट्रीय खनन प्रदर्शनी (आईएमई 2022) का उद्घाटन किया। इस मौके पर अतिरिक्त सचिव एम नागराजू, कोल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी प्रमोद अग्रवाल, आस्ट्रेलियाई कंसुल जनरल रोवन एन्सवर्थ भी उपस्थित थे।गौरतलब है कि 04 अप्रैल को खदान जागरुकता और खदान कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय सहायता दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
नौवें आईएमई 2022 का आयोजन 4-7 अप्रैल 2022 तक इको पार्क, राजारहाट, कोलकाता में “खनन उद्योग में तकनीकी प्रगति” विषय के साथ आयोजित किया जा रहा है। आईएमई 2022 के प्रतिभागियों में से एक, सुमित मित्रा ने कहा, इस प्रदर्शनी से खनन खनिजों और धातुकर्म क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों और उनके अनुप्रयोग का अभूतपूर्व प्रदर्शन होने की उम्मीद है। इसमें लगभग 300 प्रदर्शक, 20 से अधिक देशों के 400 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जो खनन, खनिज, धातु और मशीनरी उद्योगों में भारत के प्रमुख संस्थानों को एक साथ लाते हैं। ये सब बियरिंग्स, सील, ल्यूब्रिकेशन सिस्टम और सेवाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करते हैं और साथ-साथ उत्पादों तथा समाधानों को “ग्राहकों, भागीदारों, आपूर्तिकर्ताओं और अन्य स्टेकधारकों के साथ जुड़ने का मौका देते हैं।”
आईएमई 2022 में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी के बारे में बताते हुए, टिम व्हाइट, व्यापार और निवेश आयुक्त, ऑस्ट्रेलियाई व्यापार और निवेश आयोग, ने कहा: “आईएमई 2022 प्रदर्शनी में ऑस्ट्रेलियाई मंडप भारतीय खनन उद्योग के लिए ऑस्ट्रेलिया की खनन क्षमताओं और विशेषज्ञता को प्रदर्शित करता है।” उन्होंने बताया, “ऑस्ट्रेलिया को अपने खनन क्षेत्र में उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के लिए भारत का समर्थन करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इसी तरह, स्थिर और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के समर्थन में ऑस्ट्रेलियाई महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों में निवेश करने के लिए भारतीय संस्थाओं के पास प्रमुख अवसर हैं।”
वर्षों से आईएमई नई पहल, मशीनरी उत्पाद प्रौद्योगिकियों और संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान कर रहा है। यहां अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संपर्कों को विकसित करने, नवीनीकृत करने जैसे काम किए जा सकते हैं। आईएमई 2022 के दौरान भारत, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के क्षेत्र के विशेषज्ञ खनन और संबद्ध क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
आईएमई भारत में खनन उपकरण, खनिज, धातु और संबद्ध उद्योग की एक प्रतिष्ठित संस्थागत द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी है।
यह हमेशा खनन उद्योग में सबसे आगे रहा है और भारत और विदेशों में व्यापार के अवसरों की खोज के लिए एक आदर्श मंच रहा है क्योंकि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कच्चा इस्पात उत्पादक है और यहां 1300 से अधिक खान है और भारत इसी से इन तत्वों का उत्पादन और निर्यात में सफलता का जश्न मना रहा है।