हुगली : हुगली जिले के डानकुनी थानान्तर्गत दक्षिण सुभाष पल्ली इलाके की निवासी दिवंगत सरस्वती दास ने इस वर्ष 22 मार्च को कोरोना का पहला टीका लिया था। तकरीबन एक महीने बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और 29 अप्रैल को उन्होंने दम तोड़ दिया। सरस्वती दास की मौत के बाद उनके मोबाइल फोन का प्रयोग उनके बेटे बिलास दास ने शुरू किया।
रविवार को बिलास दास ने बताया कि शनिवार शाम उनके मोबाइल पर उनकी माँ को कोरोना का दूसरा टीके दिए जाने का संदेश आया। इसके बाद मैसेज में दिए गए लिंक पर जाकर उन्होंने अपनी माँ को कोरोना का दूसरा डोज दिए जाने का सर्टिफिकेट देखा। इसके बाद से बिलास दास आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब उनकी माँ ने कोरोना के टीके का दूसरा डोज नहीं लिया तो उनका सर्टिफिकेट कैसे आ गया। उन्होंने कोरोना टीकाकरण में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाया। रविवार को मामले का खुलासा होने के बाद इस मामले में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि खबर लिखे जाने तक जिला स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई थी।