इतिहास के पन्नों में 01 अप्रैलः मूर्ख दिवस बनाने की कहानी

देश-दुनिया के इतिहास में 01 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख मूर्ख दिवस के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया अप्रैल फूल दिवस भी कहती है। भारत में तो 1964 में अप्रैल फूल नाम से फिल्म तक बन चुकी है। इसका गाना अप्रैल फूल बनाया, उनको गुस्सा आया…आज भी पहली अप्रैल को खूब याद किया जाता है। कुछ इतिहासकारों के मुताबिक अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत 1582 में हुई।

इतिहासकार अप्रैल फूल को हिलेरिया (आनंद के लिए लैटिन शब्द) से भी जोड़ते हैं। इसे सिबेल समुदाय के लोग मार्च के अंत में प्राचीन रोम में मनाते थे। इसे इजिप्ट की प्राचीन कहानियों से भी जोड़ा जाता है। ब्रिटेन में अप्रैल फूल 18वीं सदी में पहुंचा। स्कॉटलैंड में यह दो दिन की परंपरा बना।

समय के साथ अप्रैल फूल मीडिया में भी पॉपुलर हो गया। 1957 में बीबीसी ने रिपोर्ट दी कि स्विस किसानों ने नूडल्स की फसल उगाई है। इस पर हजारों लोगों ने बीबीसी को फोन लगाकर किसानों और फसल के बारे में पूछताछ की थी। 1996 में फास्ट-फूड रेस्टोरेंट चेन टैको बेल ने यह कहकर लोगों को बेवकूफ बनाया कि उसने फिलाडेल्फिया की लिबर्टी बेल खरीद ली है गूगल भी पीछे नहीं रहा। गूगल टेलीपैथिक सर्च से लेकर गूगल मैप्स पर पैकमैन खेलने तक की घोषणा कर यूजर्स को बेवकूफ बना चुका है।

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