इतिहास के पन्नों में 10 अप्रैलः महात्मा गांधी सत्याग्रह के लिए पहुंचे चंपारण

देश-दुनिया के इतिहास में 10 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख चंपारण सत्याग्रह के लिए महत्वपूर्ण है। 1917 में इसी तारीख को महात्मा गांधी बिहार के चंपारण पहुंचे थे। यहां किसानों से अंग्रेज जबरदस्ती नील की खेती करवाते थे।

किसानों को उनके खेत के 20 में से 3 हिस्सों में नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। गांधी जी किसानों पर अत्याचार के विरोध में सत्याग्रह शुरू किया तो अशांति पैदा करने के आरोप में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। ये खबर जैसे ही चंपारण जिले के किसानों को लगी तो उन्होंने पुलिस स्टेशन सहित कोर्ट के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस सत्याग्रह का नतीजा ये रहा कि अंग्रेज सरकार को चंपारण कृषि विधेयक बनाना पड़ा। इसके बाद यहां 135 सालों से चली आ रही नील की खेती धीरे-धीरे बंद हो गई।

यह भी खास है कि इसी तारीख को 1912 में टाइटैनिक जहाज अपने पहले और आखिरी सफर पर निकला था। ब्रिटेन के साउथैम्पटन बंदरगाह से न्यूयॉर्क के सफर पर निकला ये जहाज 14 अप्रैल 1912 को उत्तर अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकराकर दो टुकड़ों में टूट गया। हादसे में 1500 से ज्यादा लोग मारे गए। ये शांतिकाल का सबसे बड़ा समुद्री हादसा है।

1997 में इस जहाज पर एक मूवी बनी जिसने इस जहाज को मशहूर कर दिया। टाइटैनिक को 20वीं सदी की शुरुआत में इंग्लैंड की जहाज बनाने वाली कंपनी वाइट स्टार लाइन ने बनाया था। इसे बनाने का काम 1909 में शुरू हुआ था और 1912 में इसे पूरा कर लिया गया। 02 अप्रैल 1912 को इसका समुद्री परीक्षण हुआ।

10 अप्रैल 1912 को ये सफर पर निकला।14-15 अप्रैल की रात जहाज समुद्र में बर्फ के एक पहाड़ से टकरा गया। हादसे को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं।

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