बागुईआटी छात्र हत्याकांड : मुख्यमंत्री नाराज, जाँच सीआईडी को सौंपी गयी

  • सक्रिय हुए पुलिस महानिदेशक, रिपोर्ट तलब
  • थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू

कोलकाता : बागुईआटी में माध्यमिक के दो छात्रों की हत्या की घटना में पुलिस प्रशासन की भूमिका से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सख़्त नाराज हैं। राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह घटना गंभीर है, मुख्यमंत्री इससे बेहद नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना की जाँच सीआईडी को सौंपने का फैसला किया गया है।

बागुईआटी पुलिस की लापरवाही नजर आने के बाद खुद पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय सक्रिय हुए हैं। बुधवार को उन्होंने घटना की पूरी रिपोर्ट बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट से तलब की है। साथ ही बागुईआटी थाने के प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है।

सूत्रों ने बताया है कि थाना प्रभारी को ड्यूटी से हटाने के साथ ही उनके खिलाफ भी जांच शुरू की जाएगी। बताया गया है कि 14 दिनों से बच्चों का शव बसीरहाट मुर्दाघर में पड़ा हुआ था लेकिन पुलिस को खबर तक नहीं लगी। आरोप है कि बार-बार बच्चों के परिवार वाले थाने जाकर जांच अधिकारियों से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें थाने में घुसने भी नहीं दिया जाता था। पुलिस अधिकारी मिलना तो दूर सीधे मुंह बात तक नहीं करते थे। मंगलवार को जब दोनों बच्चों के शव बरामद होने की पुष्टि हुई तो राज्य भर में राजनीतिक शोरगुल भी शुरू हो गया। बुधवार को मनोज मालवीय ने घटना की रिपोर्ट तलब की है और थाना प्रभारी कल्लोल घोष को फिलहाल उनके पद से हटा दिया गया है।

दरअसल अतनु और अभिषेक नाम के दो छात्रों की हत्या की गयी है। 22 अगस्त को दोनों बच्चे लापता हुए थे। परिवार को एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। पता चला है कि हत्यारा पड़ोस में ही रहता है और कथित तौर पर पत्नी से अवैध संबंधों को लेकर उसने दोनों की हत्या की। मौत के घाट उतारने से पहले उसने बच्चों को चाय पिलाई थी, भरपेट खाना खिलाया था। उसके बाद गला दबाकर हत्या कर दी। शव को रात के अंधेरे में गाड़ी में लेकर बासंती हाईवे पर फेंका था।

घटना में राज्य का महिला और बाल विकास विभाग पहले ही रिपोर्ट तलब कर चुका है। इसके तुरंत बाद पुलिस महानिदेशक सक्रिय हुए हैं और थाना प्रभारी पर गाज गिरी है।

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