बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में काली पूजा नहीं मनाने का फैसला

– हिंदू समुदाय के लोगों के दिलों से नहीं निकल रहा सांप्रदायिक हमलों का डर

– काले कपड़े पहनकर श्मशान में दीपक जलाकर पंद्रह मिनट साथ खड़े होंगे

– दुर्गापूजा के दौरान बड़े स्तर पर हिंदू समुदाय के खिलाफ देशभर में हुए थे हमले

नयी दिल्ली : बांग्लादेश में व्यापक स्तर पर हिंदू मंदिरों, पूजा पांडालों और लोगों के घरों को निशाना बनाए जाने के विरोध में वहां के गाजीपुर इलाके में हिंदू समुदाय के लोगों ने इस बार काली पूजा (दिवाली) नहीं मनाने का फैसला किया है। इस बार चार नवंबर को पड़ने वाली दिवाली के बारे में लोगों का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान जिस तरह हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया, उसके बाद से वे सामूहिक रूप से उत्सव मनाने को लेकर डर रहे हैं।

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस व्यापक हिंसा के बाद वहां के गाजीपुर का हिंदू समुदाय प्रतीकात्मक रूप से श्मशान घाट में काली पूजा करेगा। राधागोविंद मंदिर और काशिमपुर पूजा उदयपन परिषद के अध्यक्ष बाबुलचंद्र रुद्र ने बताया कि कालीपूजा की सुबह इलाके के हिंदू समुदाय के लोग काले कपड़े पहनकर तुराग नदी के किनारे श्मशान में दीपक जलाकर पंद्रह मिनट मौन रखते हुए एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे।

इसी संगठन के कोषाध्यक्ष पंचारत शील के मुताबिक हालिया हमले के बाद से हिंदू समुदाय के लोग सामूहिक उत्सव मनाने से डर रहे हैं। उनका कहना है कि कानून, प्रशासन और अधिकारियों के सहयोग के बावजूद देश का अल्पसंख्यक समुदाय उन काले दिनों को भूल नहीं पा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर को बांग्लादेश के कोमिला में दुर्गा पूजा पंडाल से शुरू हुए हमले के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू समुदाय के धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़, मकान एवं दुकानों में आगजनी जैसी घटनाएं हुईं। इस हिंसा में कम-से-कम सात लोगों की जान चली गयी। पुलिस ने इस मामले में बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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