बैरकपुर : श्रमिक असंतोष की वजह से कांकीनाड़ा नफरचंद जूट मिल में शुक्रवार को ताला लगा दिया गया। सुबह 11 बजे के बाद मिल में उत्पादन बंद हो गया। मिल के बंद होने से स्थाई व अस्थाई मिलाकर करीब 4 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। मिल के श्रमिकों का कहना है कि बहुत सालों से पुराने ताँत विभाग में कार्यरत श्रमिकों को चायना ताँत विभाग में स्थानान्तिरत किया जा रहा है। इसकी वजह से विभाग में काम का दबाव बढ़ रहा है। स्थानान्तरण के विरोध में पुराने ताँत विभाग के श्रमिकों ने गुरुवार की शाम से बी शिफ्ट में व रात 10 बजे से नाइट शिफ्ट का काम बंद कर दिया था। ताँत विभाग में काम बंद होने से शुक्रवार की सुबह मिल का उत्पादन रूक गया। मिल प्रांगण में तनाव की स्थिति बनने के बाद रैफ व भाटपाड़ा थाना पुलिस को तैनात किया गया है।
ताँत विभाग के श्रमिक रविन्द्रनाथ कुंडू ने कहा कि 20-22 सालों से वे पुराने ताँत विभाग में काम कर रहे हैं, अब चायना ताँत में भेजा जा रहा है। इसकी वजह से 2 की जगह 4 ताँत चलाना होगा। काम का दबाव बढ़ेगा लेकिन मजदूरी वही रहेगी।
मिल प्रबंधन ने नोटिस लगाकर बताया है कि श्रमिकों की अवैध हड़ताल की वजह से उत्पादन कम हो गया है जिसकी वजह से कंपनी को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा है। ताँत विभाग के अवैध हड़ताल का असर बैचिंग से वीविंग विभाग तक पड़ा है। सूत्रों की मानें तो शुक्रवार की शाम मिल प्रबंधन व यूनियन की बैठक में इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की गई है। मिल में सत्तारूढ़ पार्टी के श्रमिक नेता अरुण साव से इस संबंध में संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।