कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेतावनी दी थी कि राज्य के जो भी विश्वविद्यालय राज्यपाल डॉ सी वी आनंद बोस के निर्देशों को मानेंगे उनके खिलाफ राज्य सरकार वित्तीय नाकाबंदी करेगी। अब राज्य के 11 विश्वविद्यालयों के फाइनेंशियल अधिकारियों को सचिवालय में बुलाए जाने के बाद इस बात के कयास तेज हो गए हैं।
राज्य सचिवालय सूत्रों ने सोमवार को बताया है कि ये वही विश्वविद्यालय हैं जिनके कुलपति और रजिस्ट्रार लगातार राज्यपाल के संपर्क में रहे हैं। इन्हें भेजे गए पत्र में बता दिया गया है कि सचिवालय में राज्य सरकार की ओर से इन विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले फंड पर चर्चा होगी।
11 विश्वविद्यालयों के वित्त अधिकारियों को अगले बुधवार की दोपहर में उपस्थित रहना सुनिश्चित करने को कहा गया है। बैठक के लिए बुलाए गए विश्वविद्यालयों में जादवपुर विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय शामिल नहीं हैं, लेकिन इन विश्वविद्यालयों के विरोधी जूटा, कुटा जैसे शिक्षक संगठनों ने एक साथ प्रेस विज्ञप्ति जारी की। रवीन्द्र भारती, बर्दवान विश्वविद्यालय, विद्यासागर विश्वविद्यालय, कल्याणी विश्वविद्यालय समय 13 विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों ने इस बैठक का विरोध किया है।
बुधवार को नवान्न में तलब किए गए विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हैं – काजी नजरूल विश्वविद्यालय, डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय, कूच बिहार के पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय, गौड़बंगा विश्वविद्यालय, विद्यासागर विश्वविद्यालय, सिद्धो-कान्हो-बिरसा विश्वविद्यालय, कल्याणी विश्वविद्यालय, बर्दवान विश्वविद्यालय, रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय और पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय। सचिवालय की ओर से कहा गया है कि इन 11 विश्वविद्यालयों के वित्त अधिकारियों को बैठक में उपस्थित रहना होगा। यदि आवश्यक हो तो वे अपने साथ एक प्रभारी कार्यकर्ता भी ला सकते हैं।