बंगाल : हंगामा के चलते अभिभाषण की पहली और आखिरी लाइन पढ़कर लौटे राज्यपाल, ममता ने बोला तीखा हमला

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन भाजपा विधायकों के भारी हंगामे की वजह से अजीबोगरीब स्थिति बन गई थी। हंगामा के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपने अभिभाषण की पहली और आखिरी लाइन पढ़कर लौटना पड़ा। इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विधानसभा में अभिभाषण से पहले ऐसा विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।

सोमवार को दोपहर 2 बजे विधानसभा का सत्र शुरू हुआ। सदन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ का अभिभाषण शुरू होने से पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने सदन की वेल में आकर जबरदस्त प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। विधायकों के हाथों में प्लेकार्ड थे, जिसमें नगरपालिका चुनाव के दौरान भारी हिंसा को लेकर लोकतंत्र की हत्या के आरोप लिखे थे। इसके अलावा भाजपा के विधायक ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’, ‘छप्पा वोट की सरकार और नहीं दरकार’ जैसे नारे लगा रहे थे। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ अध्यक्ष विमान बनर्जी ने भी भाजपा विधायकों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन भाजपा विधायकों ने किसी की नहीं सुनी। हंगामा इतना बढ़ा कि राज्यपाल जाने के लिए उठकर खड़े होने लगे, लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें हाथ जोड़कर मनाया और बजट अभिभाषण पढ़ने के लिए अनुरोध किया।

इसके बाद राज्यपाल ने कहा कि सभी लोगों को समझाइए, सबको बैठाइए उसके बाद अभिभाषण पढ़ देता हूं, लेकिन भाजपा विधायकों ने किसी की नहीं सुनीं। राज्यपाल धनखड़ ने शुभेंदु अधिकारी को अपने पास बुलाकर समझाया और बजट अभिभाषण पढ़ने तक शांत रहने की अपील की लेकिन भाजपा विधायकों ने किसी की नहीं सुनी। करीब एक घंटे तक इंतजार करने के बाद राज्यपाल ने अभिभाषण की पहली और आखिरी लाइन पढ़कर कहा कि मान लिया जाए कि मैंने पूरा अभिभाषण पढ़ दिया है और बजट सत्र की शुरुआत की जाए। इतना कहकर राज्यपाल विधानसभा से वापस चले गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके पीछे विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने राज्यपाल को गेट तक छोड़ने आईं।

राज्यपाल के जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह शर्मनाक है। राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ़े बगैर वापस जा रहे थे लेकिन मैंने हाथ जोड़कर उन्हें मनाया क्योंकि उनके चले जाने पर एक संवैधानिक समस्या खड़ी हो जाती। उन्होंने कहा कि किसी तरह की परिस्थितियां ना बिगड़े इसके लिए हमारे विधायक बिल्कुल खामोश थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल अपना अभिभाषण ही नहीं पढ़ सके, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं खासकर शुभेंदु अधिकारी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जो अपने वार्ड में हार गए उन्हें अभी भी शर्म नहीं है।

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