बिहार : उद्घाटन से पहले ही टूट कर धराशायी हो गया बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल

बेगूसराय : बिहार में बीती रात एक और पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। बेगूसराय जिला के साहेबपुर कमाल प्रखंड क्षेत्र में कीर्तिटोल आहोक घाट और विष्णुपुर आहोक पंचायत के बीच बूढ़ी गंडक नदी पर मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा नवनिर्मित उच्च स्तरीय आरसीसी पुल उद्घाटन से पहले ही देर रात टूट कर धराशायी हो गया।

रात के समय हादसा होने से जानमाल की क्षति नहीं हुई, लेकिन निर्माण के तीन वर्षों के अंदर ही पुल के टूटकर गिर जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। दो दिन पहले ही पाया नंबर दो एवं तीन के बीच क्रैक और धसान देखकर ग्रामीणों ने इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी थी जिसके बाद बलिया एसडीओ रोहित कुमार, डीएसपी कुमार वीर धीरेंद्र सहित अन्य अधिकारियों ने वहां पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया तथा पुल पर आवागमन पूर्णतः बंद करवाया।

उस दिन स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा भी किया तथा घटिया पुल निर्माण करने वाले एजेंसी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी। बताया जा रहा है कि यहां बूढ़ी गंडक नदी पर पुल निर्माण को लेकर लंबे समय से मांग उठाई जा रही थी। 2012-13 में साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक सह मंत्री परवीन अमानुल्लाह की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना से रहुआ पंचायत के कीर्तिटोल आहोक घाट और विष्णुपुर आहोक पंचायत के बीच बूढ़ी गंडक नदी पर पुल बनाने की स्वीकृति मिली 1343.32 लाख की लागत से 206 मीटर लंबा उच्चस्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण भगवती कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया गया।

पुल निर्माण स्थल पर लगाए गए बोर्ड के अनुसार 1343.32 लाख की लागत से बने इस पुल की अनुरक्षण भी 31.72 लाख से होना था। कार्य प्रारंभ की तिथि 23 फरवरी 2016 एवं समाप्ति तिथि 22 अगस्त 2017 है। पुल निर्माण के बाद विभिन्न कारणों से अब तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका, लोगों ने बगैर उद्घाटन के आवागमन शुरू कर दिया था। पुल से कुछ दूर स्थित खनवा नाला पर छोटा पुल बनने के बाद इसका उद्घाटन होना था लेकिन इसी बीच बिहार के लूटतंत्र की भेंट यह पुल चढ़ गया।

रविवार की सुबह स्थानीय लोग मॉर्निंग वॉक पर जा रहे थे तो नदी में पुल को टूटकर गिरा देखकर हड़कंप मच गया। मौके पर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। स्थानीय लोगों ने पुल निर्माण में व्यापक लूट-खसोट का आरोप लगाया है और निर्माण एजेंसी एवं ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है।

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