36 हजार अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के फैसले के खिलाफ शिक्षा बोर्ड पहुंचा खंडपीठ

Calcutta High Court

कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते 36 हजार अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया था। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड इसे मानने को तैयार नहीं है। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने खंडपीठ में याचिका लगाई है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य के खंडपीठ में मामला दाखिल किया गया है। मंगलवार को इस पर सुनवाई होगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को जस्टिस गांगुली ने आदेश दिया था कि प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्त किए गए 36 हजार अप्रशिक्षित लोगों को चार महीने के अंदर नौकरी से हटा दिया जाए। उन्हें चार महीने तक पैरा टीचर्स के तौर पर वेतन मिलेगा और इस समय के अंदर राज्य सरकार को नई नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

इस फैसले को लेकर प्राथमिक शिक्षा परिषद के चेयरमैन गौतम पाल ने स्पष्ट कर दिया था कि इस आदेश का क्रियान्वयन करने पर अराजक स्थिति बन जाएगी। उन्होंने कहा था कि इसके खिलाफ कानूनी विकल्प ढूंढ रहे हैं। अब सोमवार को कोर्ट खुलते ही खंडपीठ में याचिका लगाई गई है।

प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश संशोधित करने का आवेदन

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गांगुली के पिछले हफ्ते प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्त 36 हजार अप्रशिक्षित लोगों की नौकरी रद्द किए जाने संबंधी आदेश में संशोधन की अर्जी दाखिल की गई है। । सोमवार को इस आदेश में संशोधन का आवेदन नौकरी चाहने वाले की ओर से याचिकाकर्ता अधिवक्ता ध्रुवज्योति तिवारी ने दिया है। उन्होंने इस संख्या में सुधार का अनुरोध किया है। अधिवक्ता ने अपने पत्र में कहा है कि अप्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या 36 हजार नहीं बल्कि 30 हजार 185 है। टाइपोग्राफिकल गलती की वजह से संख्या गलत लिखी गई है इसलिए जस्टिस गांगुली से अनुरोध है कि इसमें सुधार कर लें। आज ही दोपहर बाद इस मामले पर सुनवाई हो सकती है।

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