– योगेश कुमार गोयल भारतीय समाज में सदियों से धारणा रही है ‘जान है तो जहान है’ तथा ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में हो माया।’ ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः’ अर्थात् ‘सब सुखी हों और सभी रोगमुक्त हों’ मूलमंत्र में यही स्वास्थ्य भावना निहित है। लोगों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने […]
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◆ श्वेता गोयल दुनिया भर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल (मूर्ख दिवस) मनाया जाता है। इस दिन हल्के-फुल्के हँसी-मजाक के सहारे लोग एक-दूसरे को ‘मूर्ख’ बनाकर माहौल को मनोरंजक बनाने का प्रयास करते हैं। बहुत बार ऐसे वाकये भी सामने आते रहे हैं, जब दूसरों को मूर्ख बनाने की कोशिश में कुछ लोग स्वयं […]
– अरविंद कुमार राय कांग्रेस छोड़कर हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए नेताओं को असम-मेघालय के बीच लगभग 50 वर्षों से जारी सीमा विवाद का समाधान रास नहीं आ […]
भारत सरकार अपराधियों की पहचान के लिए एक नया कानून बनाना चाहती है। उसने संसद में जो विधेयक पेश किया है, उसके तहत अब पुलिस उन सभी लोगों की पहचान के नए तरीके अपनाएगी, जो या तो गिरफ्तार हुए हैं या जिन्हें सजा हुई है या जो नजरबंद किए गए हैं। ऐसे लोगों की पहचान […]
– योगेश कुमार गोयल स्विस संगठन ‘आईक्यू एयर’ द्वारा हाल ही में 2021 की ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट’ जारी की गई है, जिसमें दुनियाभर के कुल 117 देशों के 6475 शहरों के डेटा का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है कि विश्व का कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जो विश्व स्वास्थ्य […]
संसद व विधानसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। यदि जनप्रतिनिधियों को भक्त कहा जाए तो लोकतंत्र का मन्दिर शर्मसार हुआ है आज अपने ही भक्तों के हाथों। बजट सत्र के आखिरी दिन पश्चिम बंगाल विधानसभा में जो कुछ भी हुआ वह स्वस्थ संसदीय राजनीति के बिल्कुल विपरीत था। विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने […]
– आर.के. सिन्हा बिहार दिवस के ठीक बाद हैदराबाद से बिहार के लिए एक बुरी खबर सामने आई कि वहां पर हुई एक भीषण आगजनी की […]
– प्रमोद भार्गव पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक हिंसा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं। कांग्रेस, वामपंथी या तृणमूल, सत्ता किसी की रही हो, इन […]
– डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा बात भले अजीब लगे पर मनोविज्ञानी भी मानने लगे हैं कि सोशल मीडिया लोगों को तेजी से डिप्रेशन की ओर ले जा रहा है। देश-दुनिया में डिप्रेशन के […]
– डॉ. वंदना सेन भारत संस्कृति प्रधान देश है। इसी कारण भारत का वातावरण भी सांस्कृतिक है। ऐसे वातावरण को बनाने में हमारे त्यौहारों का विशेष योगदान […]