कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्यभर में हुई हिंसा मामलों की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने मंगलवार को हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी। इस रिपोर्ट में सीबीआई ने दावा किया है कि चुनावी हिंसा के मामलों में अब तक कुल 193 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सुनवाई के दौरान राज्य के एडवोकेट जनरल सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने कहा कि चुनाव के बाद हिंसा में लोगों को बेघर करने के जो दावे हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के पीठ में राज्य सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि जिन मामलों की जांच की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है वह पूरी हो चुकी है। चुनावी हिंसा पीड़ितों की ओर से न्यायालय में पक्ष रख रहीं वकील प्रियंका टिबरेवाल ने दावा किया कि अभी भी सैकड़ों लोग डर के मारे घर नहीं लौट पा रहे हैं। उन्होंने बेघर लोगों को घर वापस लाने की मांग की। इसके जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि 243 लोगों के बेघर होने की सूचना मिली थी, इनमें से 117 वापस आ गये हैं। 22 लोगों से संपर्क नहीं हो सका, क्योंकि गलत मोबाइल नंबर दिया गया था। 86 को वापस नहीं आना है जबकि एक की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर जिन लोगों के बेघर होने के दावे किए जा रहे हैं, उनकी पूरी सूची फर्जी है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कथित तौर पर चुनावी हिंसा के बाद घर से लापता लोगों पर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होनी है।
इस दिन एसआईटी ने बताया कि उसने 689 मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी और लगभग सभी की जांच पूरी हो चुकी है। अब केवल 12 मामले लंबित हैं। सीबीआई के पास दो नए मामले लंबित हैं। कुल 323 शिकायतें आईं थीं लेकिन चूंकि एक ही नाम के कई हैं, इसलिए शिकायतों की कुल संख्या 290 है। 104 आग्नेयास्त्र मिले हैं। 72 मामलों में चार्जशीट पेश की गई है। आठ मामलों की जांच चल रही है। 23 मामलों को सीबीआई को भेजा गया है।
सीबीआई के मुताबिक 51 मामले उन्होंने दर्ज किए थे। एनएचआरसी ने 48 मामले दिए थे। तीन अन्य मामले थे। 20 मामले की चार्जशीट दी गई है। 26 की जांच चल रही है लेकिन कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। 193 आरोपित गिरफ्तार हुए हैं।