कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर केंद्रीय योजनाओं का नाम बदलने समेत योजनाओं के क्रियान्वयन में धांधली के लग रहे आरोपों के बीच सोमवार को केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुँची।
सूत्रों ने बताया है कि यह टीम कम से कम एक महीने रहेगी और राज्य के 15 जिलों का दौरा करने वाली है। खासकर उन जिलों का जहां ग्रामीण आबादी है। यहां 100 दिनों के रोजगार योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, केंद्रीय सड़क योजनाओं सहित अन्य ग्रामीण और शहरी विकास से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा केंद्रीय टीम करने वाली है।
राज्य पंचायत विभाग के एक सूत्र ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि टीम ने सबसे पहले सचिवालय से संपर्क साधा है जिसके बाद उसे जिलों में दौरे और वहां संबंधित अधिकारियों से मिलने को कहा गया है। राज्य सरकार के अधिकारियों को भी उन्हें योजनाओं का लेखा-जोखा देने तथा दौरे में सहयोग करने को कह दिया गया है।
खास बात यह है कि हाल ही में वरिष्ठ भाजपा विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की सरकार पर केंद्रीय योजनाओं का नामकरण अपने अनुसार करने और 100 दिनों के रोजगार योजना में केवल तृणमूल कार्यकर्ताओं का नाम कामगार के तौर पर शामिल करने का आरोप लगाए थे। इधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि पिछले छह महीनों से केंद्र की सरकार ने 100 दिनों के रोजगार योजना का पैसा नहीं दिया था। इस बीच केंद्रीय टीम का दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया है कि केंद्रीय टीम योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुँचकर सर्वे करेगी।