चंपारण की बेटी डॉ. अंशु का अमेरिका के नासा रिसर्च सेंटर में हुआ चयन

– वैज्ञानिक के रूप में करेगी शोध

– जिले का बढ़ाया मान

मोतिहारी : भारत-नेपाल के सीमाई शहर रक्सौल की बेटी अंशु का चयन अमेरिका स्थित नासा रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के रूप में हुआ है जहां अंशु अंतरिक्ष विज्ञान पर शोध करेगी। डॉ. अंशु के दुनिया की सबसे चर्चित रिसर्च सेंटर में चयनित होने के बाद रक्सौल समेत पूरे जिले में हर्ष व्याप्त है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

डॉ. अंशु रक्सौल केसीटीसी कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक प्रो. चंद्रमा सिंह एवं पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्व. सविता देवी की पुत्री हैं।अंशु की माता का निधन वर्ष 2008 में ही हो गया था, तब से अंशु अपने पिता के सहारे अपनी जिंदगी के नैया को आगे बढ़ाया और आज नासा तक पहुंच गयीं। डॉ. अंशु की 12 वीं तक की शिक्षा पूर्वी चंपारण जिले के पिपरा कोठी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई जबकि बी. टेक की डिग्री उन्होंने आरसीईडब्ल्यू, जयपुर से ली। आईआईए, बैंगलुरु से एम.टेक विथ इंटीग्रेटेड पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने पोस्ट डॉक्टरल रिसर्चर के रूप में हेलसिंकी यूनिवर्सिटी फिनलैंड में दो वर्षों तक काम किया।अब अंशु का चयन अमेरिका के नासा में वैज्ञानिक के रूप में हुआ है।

उल्लेखनीय है कि अंशु को गत वर्ष 2022 में आईआईटी, रुड़की में एस्ट्रोफिजिक्स में बेस्ट थेसिस का अवार्ड भी मिल चुका है। इसके साथ ही वर्ष 2022 के दिसबंर में आईआईटी इंदौर व वर्ष 2022 के जनवरी में झारखंड के रांची में एमएसईटी ने अंशु को यंग साइंसटिस्ट अवार्ड दिया है। स्थानीय लोगों व कई शिक्षाविदों ने रक्सौल की इस बेटी के बेहतरीन उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि इस बेटी अथक परिश्रम व ज्ञानशीलता से न केवल खुद को साबित किया है, बल्कि अपने माता-पिता समेत पूरे चंपारणवासियों को गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान किया है।

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