कोलकाता : मंगलवार के बाद बुधवार को भी बंगाल विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। विश्वविद्यालय संशोधित विधेयक और अन्य विधायकों को लेकर कथित तौर पर विधानसभा से बाहर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और अन्य विधायकों के कथित पर चर्चा को लेकर यह निंदा प्रस्ताव लाया गया है। इधर इसके खिलाफ विपक्षी भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु, अधिकारी पार्टी के चीफ व्हिप मनोज टिग्गा समेत भाजपा के अन्य विधायकों के खिलाफ तृणमूल ने निंदा प्रस्ताव पारित किया।
भाजपा विधायकों ने दावा किया कि उन्होंने क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट बिल के विरोध में वॉकआउट किया है।
तृणमूल विधायकों ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि विधानसभा में पारित किसी विधेयक पर अगर कोई टिप्पणी है तो वह विधानसभा में की जानी चाहिए। इस पर बाहर टिप्पणी करना या चर्चा करना ठीक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नाम का प्रस्ताव कर विधेयक को पारित कराने के लिए मतदान हुआ था। हालांकि वोटिंग मशीन में खलबली मच गई। बाद में पर्ची में वोट लिया गया। वोटिंग मशीन में खराबी के कारण वोटों की गिनती नहीं हो सकी। आज की वोटिंग में दो विधायक अनुपस्थित रहे। एक विधायक ने वोट नहीं किया। वाम-कांग्रेस समर्थित आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी मतदान से दूर रहे। प्रस्ताव के पक्ष में 134 मत पड़े जबकि खिलाफ 51 वोट पड़े।