खतरे में है देश का लोकतंत्र, संविधान और संस्थान : खड़गे

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश का लोकतंत्र, संविधान और संस्थान तीनों खतरे में है। हमें इसे बचाने के लिए डटकर मुकाबला करना होगा। हम हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। लोकतंत्र की रक्षा हमारी ड्यूटी है।

खड़गे ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारे देश की आत्मा है। इस स्वतंत्रता दिवस पर हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिए, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे।

खड़गे ने कहा कि अंग्रेजी सरकार ने भारत की स्थिति ऐसी कर दी थी कि यहां सुई भी नहीं बनती थी। तब पंडित नेहरू ने यहां बड़े-बड़े उद्योग खुलवाए, स्टील प्लांट लगवाए और डैम बनवाए। देश में आईआईटी, आईआईएम,एम्स जैसे संस्थानों की शुरुआत हुई। स्पेस रिसर्च और एटमिक एनर्जी रिसर्च की नींव रखी गई।हमारे पूर्वजों ने राष्ट्रीय आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर, देश की नींव को सशक्त करने का काम किया है। हम उन्हें नमन करते हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मंगलवार को लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग नहीं लिया।

पत्रकारों से बातचीत में खड़गे ने कहा कि सुरक्षा की स्थिति और समय के अभाव के कारण वे समारोह में शामिल नहीं हुए । उन्हें आंखों से संबंधित कुछ समस्याएं हैं। प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सुबह 9.20 बजे अपने आवास पर ध्वाजारोहण करना था। उन्हें कांग्रेस कार्यालय भी आना पड़ा और यहां भी तिरंगा फहराना था।

खड़गे ने प्रधानमंत्री के उदबोधन पर निशाना साधा और कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर भी विपक्ष पर निशाना साधने से देश के मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि यह कहना कि 2024 में भी वे ही ध्वजारोहण करेंगे, केवल अहंकार का प्रतीत है। अगली बार किसकी सरकार बनेगी यह जनता के हाथ में है।

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