कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में दीपावली की रात 8:00 से 10:00 बजे तक केवल दो घंटे की आतिशबाजी के हाईकोर्ट के आदेश की जमकर धज्जियां उड़ीं। शुक्रवार की सुबह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के मुताबिक रात 2:00 बजे तक आतिशबाजी की 45 शिकायतें आयीं।
निवासियों का आरोप है कि राजधानी कोलकाता समेत आसपास के क्षेत्रों में शाम 6:00 बजे से ही आतिशबाजी शुरू हो गई थी जो देर रात तक चली।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक उत्तर कोलकाता के अमहर्स्ट स्ट्रीट, दक्षिण कोलकाता के बेहला, तिलजला, हरिदेवपुर, पाटुली, सोनारपुर, दमदम, लेक टाउन और कसबा जैसे इलाकों में सबसे अधिक आतिशबाजी हुई है। इसकी वजह से वायु प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक से काफी ऊंचा पहुंच गया। गुरुवार रात 8:00 बजे बालीगंज जैसे इलाके में वायु प्रदूषण स्तर 180 पीएम पर था। इसके बाद भारी आतिशबाजी की वजह से रात 12:00 बजे तक यह बढ़कर 402 पर जा पहुंचा, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। वहीं रात 1:00 बजे यह और अधिक बढ़कर 446 पीएम पर पहुंच गया। हालांकि सुबह होते-होते इसमें थोड़ी बहुत कमी हुई है। इसी तरह से जादवपुर, बिधाननगर, रवींद्र सरोवर, विक्टोरिया मेमोरियल और फोर्ट विलियम जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर 450 से 500 के बीच जा पहुंचा था। यह सामान्य से 8 से 10 गुना अधिक है।
उल्लेखनीय है कि वातावरण में प्रदूषण का स्तर 50 पीएम पर सामान्य माना जाता है। उसके बाद अगर प्रदूषण का स्तर 200 भी पहुंचता है तो बहुत अधिक नुकसान नहीं होता लेकिन उससे ज्यादा स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है। खासकर हृदय रोग और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने दीपावली के दिन रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक केवल दो घंटे आतिशबाजी की अनुमति दी थी। इसे लागू करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूरे राज्य के लिए 20 विशेष टीमों का गठन किया था। पुलिस ने भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर अलग-अलग क्षेत्रों में तलाशी अभियान और निगरानी की योजना बनाई थी लेकिन यह बहुत अधिक कारगर नहीं रही।