यूक्रेन में फंसे हैं बंगाल के दर्जन भर छात्र, भारत सरकार से मदद की अपील

कोलकाता : यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां पढ़ाई करने गए देश के दूसरे हिस्सों समेत पश्चिम बंगाल के भी दर्जनों छात्र फंस गए हैं। रूसी हमले शुरू होने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि यूक्रेन में राज्य के कितने छात्र फंसे हुए हैं लेकिन सूत्रों ने बताया है कि करीब एक दर्जन छात्र वहां अभी भी फंसे हैं। इनमें दुर्गापुर के पांच छात्र हैं जबकि एक छात्र पूर्व मेदनीपुर और दो छात्र दक्षिण 24 परगना के रहने वाले हैं। एक अन्य छात्र उत्तर 24 परगना का निवासी है जबकि बाकी छात्र कोलकाता और राज्य के अन्य जिलों के रहने वाले हैं।

राज्य प्रशासन के सूत्रों ने बताया है कि दमदम के रहने वाले छात्र अनुभव चंदेल यूक्रेन के पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तीसरे वर्ष का छात्र है। बशीरहाट अनुमंडल के वार्ड नौ के निवासी शिक्षक रामपद मंडल और उनकी पत्नी चंदना मंडल अपने बेटे अर्पण मंडल को लेकर भी चिंतित हैं क्योंकि वह तीन साल पहले 2019 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था। अर्पण यूक्रेन के दीनाप्रो पेट्रोवाक्स शहर में है।

दुर्गापुर से मेडिकल पढ़ाई करने गये कई छात्र यूक्रेन नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फंसे पड़े हैं। ये सभी छात्र बंगाल लौटना चाहते हैं। इनके परिजनों ने दूतावास से संपर्क कर विशेष चार्टर फ्लाइट से बच्चों को वापस लाने की गुहार लगाई है। दुर्गापुर स्टील टाउन निवासी राहुल प्रसाद राय, शुभजीत सिन्हा, नेहा खान, जीनत खान सहित पांच छात्र मेडिकल ढ़ाई करने यूक्रेन गए हैं। सभी के परिजन रूसी हमले के बाद एयरपोर्ट बंद होने पर बच्चों की वापसी को लेकर चिंतित हैं।

बंगाली छात्रों को यूक्रेन सरकार ने विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में सुरक्षित रखा है। पानागढ़ बाजार न्यू स्टेशन रोड निवासी शिक्षक की बिटिया ज्योति सिंह भी यूक्रेन में फंसी है। यूक्रेन की राजधानी कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे दक्षिण 24 परगना के रायदिघी निवासी अर्घ्य मांझी ने परिजनों को बताया कि यहां की स्थिति बेहद नाजुक है। उत्तर 24 परगना के हाबरा क्षेत्र के कुमरा ग्राम पंचायत के काशीपुर दक्षिण पारा निवासी जुल्फिकार विश्वास की बेटी निशा विश्वास की भी यही कहानी है। दिसंबर 2021 में मेडिसिन पढ़ाई करने गई थी। इन सभी बच्चों के परिजनों ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ-साथ भारत सरकार से भी मदद की अपील की है। राज्य प्रशासन के सूत्रों ने बताया है कि इस संबंध में विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा गया है और जल्द से जल्द बंगाल के बच्चों को वापस लाने की पहल शुरू की गई है।

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