नहीं रहे डॉ. आशुतोष प्रसाद सिंह, साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति

कोलकाता : साहित्य जगत के एक नामचीन व्यक्तित्व आशुतोष प्रसाद सिंह के निधन की खबर से मंगलवार को महानगर में शोक की लहर फैल गई। गत गुरुवार को ही उनके बड़े बेटे गौरव का निधन हुआ था।

गौरतलब है कि गत सप्ताह डॉ. आशुतोष और उनका बेटा गैस लीक करने से लगी आग से अपने किचेन में बुरी तरह जल गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में भर्ती करने के दूसरे ही दिन उनके बेटे का निधन हो गया था। वहीं डॉ. आशुतोष ने भी आज दम तोड़ दिया।

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उल्लेखनीय है कि डॉ. आशुतोष बंगाल के गिने चुने बेहद लोकप्रिय, छात्र-वत्सल, ईमानदार और सुलझे हुए अध्यापकों में से थे। वे विद्यासागर कॉलेज में हिन्दी के शिक्षक थे लेकिन प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में भी उन्होंने अंशकालिक शिक्षक के रूप में वर्षों तक पढ़ाया था। वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में शोध -निर्देशक भी रहे और उनके कुशल निर्देशन में कई शोधार्थियों ने शोध कार्य भी पूरा किया है।

यू.जी. बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य के रूप में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।

बंगाल समेत देश के साहित्य जगत के लोग डॉ. आशुतोष के निधन से स्तब्ध हैं और के सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे हैं।

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