महालया के साथ बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव शुरू

गंगा घाटों पर तर्पण के लिए उमड़ी भीड़

कोलकाता : रविवार को महालया के साथ ही बंगाल में दुर्गा पूजा की शुरुआत हो गई है। पुरानी परम्पराओं के मुताबिक महालया के शुभ मुहूर्त पर हजारों लोगों ने गंगा तटों पर नदी में स्नान के बाद पितरों को तर्पण किया।

रविवार की सुबह से ही राजधानी कोलकाता के बाबू घाट, फेरी घाट, नीमतला घाट समेत अन्य घाटों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। तड़के से ही यहां बड़ी संख्या में पहुंचे पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोचार के बीच पुष्प, तिल और चावल से लोगों से मंत्रोच्चार के साथ लोगों को तर्पण करवाया है।
इस मौके पर आकाशवाणी ने भी परम्परागत रूप से स्वर्गीय बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आवाज में सुबह पांच बजे दुर्गा स्तुति का प्रसारण किया गया, जिसे लोगों ने भक्ति और श्रद्धा भाव से सुना।

स्वर्ग से धरती उतरती हैं देवी दुर्गा

यहां ऐसी मान्यता है कि महालया के दिन देवी पार्वती कैलाश से उतर कर धरती (ससुराल से मायका) पर पदार्पण करती हैं। यहां उनके स्वागत के लिए भक्त समुदाय ढाक ढोल के साथ देवी की आराधना पूजा और अर्चना शुरू कर देते हैं। आज से पश्चिम बंगाल के हर गली मोहल्ला चौराहे लेकर देवी पंडालों में लगे ध्वनि विस्तारक यंत्रों से दुर्गा आराधना की गूंज सुनाई देगी। खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा बहुत ही पावन मानी जाती है इसीलिए यहां अधिक उत्साह से मनाई जाती है। इसलिए बंगाली परिवार का बच्चा-बच्चा बुजुर्ग युवा हर आयु वर्ग के लोग नए वस्त्र पहन कर देवी की आराधना में लीन नजर आते हैं।

दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल के लिए किसी महोत्सव से कम नहीं। यहां गगनचुंबी पंडालों के बीच विशालकाय माँ दुर्गा की मूर्तियों, शानदार लाइट सज्जा और दुनियाभर के बेहतरीन दृश्यों को पंडाल में प्रदर्शित करने की परंपरा को देखने ना केवल बंगाल और भारत बल्कि दुनियाभर से लाखों लोग पहुंचते हैं। महालया के साथ ही पूजा पंडालों में मूर्तियों की स्थापना शुरू हो गई है।

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