कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित छात्र नेता अनीस खान हत्याकांड में राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट से परिवार खुश नहीं है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के खंडपीठ में इस बाबत सुनवाई हुई जहां याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को आत्महत्या के रूप में साबित करने की कोशिश हो रही है।
पिछले सप्ताह एसआईटी की ओर से दाखिल रिपोर्ट पर बहस करते हुए विकास रंजन ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि तीन मंजिला इमारत से फेंकने से पहले अनीश खान को जमकर मारा-पीटा गया था। उनके पेट, गुर्दे, पीठ और अन्य अंगों में गंभीर चोट के निशान थे जो इस बात के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि उनकी हत्या की पूरी योजना बनाई गई थी। बावजूद इसके एसआईटी इस मामले को आत्महत्या साबित करने पर तुली हुई है जो जाहिर तौर पर हत्यारे पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश है।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर याचिकाकर्ताओं की ओर से हलफनामा के जरिए असहमति के बिंदुओं को कोर्ट में बताया जाए। 12 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी। एसआईटी की ओर से दाखिल 82 पन्नों की रिपोर्ट में केंद्रीय फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट और पेन ड्राइव की रिपोर्ट भी जमा दी गई है। राज्य की ओर से महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी ने यह रिपोर्ट न्यायालय में जमा कराई थी।
उल्लेखनीय है कि फरवरी महीने की 18 तारीख को हावड़ा स्थित खान के घर पुलिस की वर्दी में चार लोग गए थे। आरोप है कि उन लोगों ने मारपीट कर अनीस खान को तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया था जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। मामले में दो पुलिसकर्मियों भी गिरफ्तारी हुई है।