मालदा में भी आपस में भिड़े केंद्र और राज्य शिशु आयोग के अध्यक्ष, तृणमूल नेताओं को लोगों ने बांस लेकर खदेड़ा

कोलकाता : कोलकाता के बाद मालदा के गाजोल में भी छठवीं कक्षा की एक दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के घर राष्ट्रीय महिला और शिशु अधिकार रक्षा आयोग के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो और राज्य शिशु अधिकार रक्षा आयोग की चेयरपर्सन सुदेष्णा रॉय आपस में भिड़ गए। हद तो तब हो गई जब मौके पर भाजपा विधायक श्रीरूपा मित्र चौधरी और उनके समर्थकों के साथ उत्तर मालदा महिला समिति की तृणमूल नेत्री छंदा चौधरी और जिला परिषद की सदस्य सागरिका सरकार अपने अन्य समर्थक महिलाओं को लेकर मौके पर जा पहुंचीं। इन लोगों ने वहां मौजूद श्रीरूपा मित्र और भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं पर हमले शुरू कर दिए। लाठी-डंडे और जूते चप्पल चलाने लगे जिसके बाद स्थानीय लोग एकजुट हो गए और लाठी-डंडे तथा बांस लेकर सागरिका और तृणमूल के अन्य नेताओं को भगा दिया। इसका जो वीडियो सामने आया है उसमें देखा जा सकता है कि सागरिका और तृणमूल के अन्य नेता पास की सड़कों और खेतों से भागते हुए नजर आ रहे हैं और पीछे-पीछे स्थानीय लोग दौड़ रहे हैं। वहां पुलिस भी मौजूद है लेकिन हालात को संभालने में वह नाकाम नजर आ रही है। हालांकि स्थानीय पुलिस का कहना है कि उन्हीं के हस्तक्षेप से टकराव को टाला जा सका है। इधर पीड़िता के घर में जैसे ही प्रियंक कानूनगो प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, उसी समय सुदेष्णा भी राज्य महिला और शिशु अधिकार रक्षा आयोग के प्रतिनिधियों को साथ लेकर पहुंच गईं। आरोप है कि उन्हें प्रियंक ने वहां से चले जाने के लिए कहा। कानूनगो ने कहा कि जब मैं आया हूं तभी आप लोग क्यों बच्ची के घर आ रहे हैं ? 10 दिनों पहले आप लोग कहां थे?

सुदेष्णा ने कहा कि राज्य और केंद्रीय आयोग के सदस्यों को एक साथ मिलकर काम करना है लेकिन प्रियंक इसमें बाधा दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले भी ऐसे ही कोलकाता के तिलजला में भी पीड़िता के घर के बाहर दोनों आपस में भिड़ गए थे। बाद में प्रियंक ने आरोप लगाया था कि स्थानीय तिलजला थाने की पुलिस उन्हें बलपूर्वक थाने ले गई और वहां उनसे छीना झपटी और मारपीट की गई। इस मामले के तूल पकड़ने पर तिलजला थाने के ओसी को छुट्टी पर भेज दिया गया है।

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