सरना धर्म कोड की मांग को लेकर बंगाल के कई जिलों में आदिवासियों ने किया चक्का जाम

पुरुलिया : ‘सरना धर्म कोड’ सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर आदिवासियों ने पश्चिम बंगाल के कई जिलों में सड़क व रेल का मार्ग अवरोध शुरू किया है। आदिवासी सेंगेल अभियान के नेतृत्व में पूर्व बर्दवान, मेदिनीपुर और पुरुलिया में शनिवार सुबह से रेल और सड़क अवरोध जारी है। पश्चिम मेदिनीपुर के खेमाशुली में रेल मार्ग जाम कर दिया गया। यहां करीब दो घंटे तक घेराबंदी चली। इसके चलते कई ट्रेनें रुक गईं। रेलवे पुलिस की कार्रवाई के बाद अवरोध को हटाया गया। हालांकि, मालदा में गाजोल के अदीना स्टेशन और दक्षिण पूर्व रेलवे की आद्रा पुरुलिया चांडिल शाखा पर अवरोध जारी है।

आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि रेल लाइन पर धमासा व मादुल बजाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। नतीजतन आनंदविहार-पुरी, डाउन शताब्दी एक्सप्रेस, कुलिक एक्सप्रेस विभिन्न जगहों पर रुकी हुई हैं। इसके अलावा कुछ ट्रेनों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। अवरोध के चलते आम यात्रियों को अत्यधिक परेशानी का शिकार होना पड़ रहा है।

इस बीच उत्तर दिनाजपुर के रायगंज के सिलीगुड़ी चौराहे पर सड़क जाम कर दिया गया है। रायगंज बालुरघाट पर राष्ट्रीय राजमार्ग 34 और राज्य राजमार्ग 10/ए सुबह 8:30 बजे से बंद है। रेल और सड़क अवरोध को लेकर संगठन के पुरुलिया जिलाध्यक्ष सनत कुमार बेसरा ने कहा कि मांगें पूरी होने तक हमारा नाकेबंदी का कार्यक्रम जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि लंबे समय से आदिवासी समुदाय अपने सरना धर्म को संवैधानिक मान्यता देने की मांग कर रहा है। इसके साथ ही उनकी कुछ अन्य मांगें भी हैं, जिनके समर्थन में रेल व सड़क अवरोध किया जा रहा है।

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