इतिहास के पन्नों में: 27 अप्रैल – अभिनय, संन्यास और राजनीति

एक अरसे तक भारतीय फिल्मों का प्रमुख चेहरा रहे विनोद खन्ना का 27 अप्रैल 2017 को ब्लड कैंसर से निधन हो गया था। विनोद खन्ना ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किये जाते हैं जिनका मायानगरी से मोहभंग हुआ तो आध्यात्मिक शांति के लिए आचार्य रजनीश की शरण में गए। लेकिन कुछ वर्षों बाद अभिनय की दुनिया में लौट आए।

6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में पैदा हुए विनोद खन्ना ने 1968 में आई फिल्म ‘मन का मीत’ में खलनायक का किरदार निभाते हुए फिल्मी दुनिया में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

शुरुआती कई फिल्मों में खलनायक रहते हुए भी उन्होंने दर्शकों की तालियां बटोरीं तो नायक बनने के बाद सिक्का जमाया। उन्होंने ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘मेरे अपने’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘हाथ की सफाई’, ‘खून पसीना’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘हेराफेरी’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’ जैसी कई हिट फिल्में दीं।

उम्र ढली तो विनोद खन्ना ने राजनीति में कदम रखा और फिल्मों की तरह अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। वे 1997 और 1999 में दो बार पंजाब गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता। 2002 में उन्हें संस्कृति और पर्यटन मंत्री बनाया गया।

अन्य अहम घटनाएं:

1912: जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री जोहरा सहगल का जन्म।

1920: सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मनीभाई देसाई का जन्म।

1930: केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक टी.के. माधवन का निधन।

1947: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का जन्म।

1949: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पी.सतशिवम का जन्म।

2009: निर्माता, निर्देशक और अभिनेता फिरोज खान का निधन।

2010: उड़िया फिल्म अभिनेता हेमंत दास का निधन।

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