इतिहास के पन्नों में : 18 जनवरी – ‘बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाए’

हिंदी फिल्म उद्योग के पहले सुपरस्टार अभिनेता और गायक कुंदनलाल सहगल का महज 43 साल की उम्र में 18 जनवरी 1947 को जालंधर में निधन हो गया।

अपने दो दशक के सिने करियर में उन्होंने 36 फिल्मों में अभिनय किया जिसमें करीब 185 गीत गाए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सहगल ने हिंदी, उर्दू, बांग्ला, पंजाबी, तमिल और पर्शियन भाषाओं में गीत गाए। उनके गाए कई गीत अमर हो गए जिसमें फिल्म ‘शाहजहां’ का गाना- ‘जब दिल ही टूट गया/ हम जी के क्या करेंगे’ या फिल्म ‘स्ट्रीट सिंगर’ का गीत- ‘बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाए/चार कहार मिल, मोरी डोलिया सजावें/ मोरा अपना बेगाना छूटो जाय।’

11 अप्रैल 1904 को जम्मू के नवांशहर में पैदा हुए केएल सहगल संगीत के कुंदन बनकर चमके। अपने दौर में उनकी आवाज का जादू न केवल श्रोताओं पर चला बल्कि उस दौर में आने वाले मुकेश, किशोर कुमार जैसे नवोदित गायक सहगल की आवाज से ऐसे प्रभावित हुए कि सहगल को आदर्श मानते हुए उनकी शैली में ही गाना शुरू किया।

सहगल की आवाज लोगों की जिंदगी में इस जरूरी चीज की तरह शामिल हो गयी, जैसे हवा और पानी। सहगल की लोकप्रियता का आलम यह था कि श्रीलंका, ईरान, इराक, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान और फिजी तक उनके गाने सुने जाते थे। वे पहले गायक थे जिन्होंने गानों की रॉयल्टी शुरू की।

गायन के साथ अभिनय में गहरी छाप छोड़ने वाले सहगल ने 36 फिल्मों में काम किया जिसमें 28 हिंदी, 7 बांग्ला और 1 तमिल फिल्म थी।

अन्य अहम घटनाएंः

1842ः महाराष्ट्र के महान विद्वान महादेव गोविंद रानाडे का जन्म।

1896ः एक्सरे मशीन का पहली बार प्रदर्शन।

1951ः केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का जन्म।

1955ः मशहूर अफसाना निगार सआदत हसन मंटो का निधन।

1963ः ओडिशा के सुप्रसिद्ध कवि, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री डॉ. लक्ष्मीनारायण साहू का निधन।

1996ः दक्षिण भारतीय सिनेमा और राजनीति के अहम शख्सियत एनटी रामाराव का निधन।

2003ः सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन का निधन।

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