इतिहास के पन्नों में : 02 मार्च – अमेरिका ने जब दास प्रथा पर लगायी रोक

यह अजीब है कि आज अपने को सर्वश्रेष्ठ समझने का दावा करने वाली पश्चिमी सभ्यता के लंबे इतिहास में मनुष्य को ही मनुष्य के गुलाम बनाए रखने का काला अध्याय शामिल है। लगभग 900 ई.पू. में कवि होमर ने जिस दास प्रथा का उल्लेख किया है। 800 ई. पू.के बाद तो यूनानी उपनिवेशों में यह प्रथा संस्थागत रूप से स्वीकृत हो चली। पश्चिमी सभ्यता के आधुनिक युग में इसे यूरोपीय नाविकों के अमेरिका की खोज के बाद बढ़ावा मिला।

बहरहाल, कई देशों तक प्रसार पा चुके दास प्रथा के इतिहास में 02 मार्च,1807 महत्वपूर्ण तिथि बन चुकी है। उस दिन अमेरिकी कांग्रेस ने एक कानून पास कर इस पाप से मुक्ति पाने का रास्ता खोज लिया। उस दिन पारित कानून ने देश में गुलामों के लाये जाने पर रोक लगा दी थी। वैसे, यह दिन बहुत आसानी से नहीं आया था।

लंबे समय तक कई देशों में संघर्ष के साथ संयुक्त राज्य के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में भी इस मुद्दे पर विवाद बना रहा। यह विवाद उद्योग और कृषि क्षेत्र में दास समुदाय को लगाये जाने के सवाल पर था। अच्छाई-बुराई के बीच अच्छाई की जीत का ध्रुव सत्य यहां भी लागू होता है। इसलिए हम इतिहास में 02 मार्च को इस तरह से याद करते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं:

1498: पुर्तगाली यात्री वास्को डी गामा अपने दल सहित भारत के रास्ते में मोजाम्बीक द्वीप पहुंचा।

1931: सुधारवादी सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव का जन्म।

1969: ब्रिटेन के सुपरसॉनिक विमान कॉनकॉर्ड की पहली सफल उड़ान। यह 2080 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक उड़ने में सक्षम।

1970: रोडेशिया के प्रधानमंत्री इयान स्मिथ ने ब्रिटिश साम्राज्य से संपर्क समाप्त कर देश को गणराज्य घोषित किया।

1991: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक कार बम विस्फोट में देश के रक्षा उपमंत्री रंजन विजयरत्ने सहित 19 लोगों की मौत।

2008: पाकिस्तान के डेरा आदमखेल में आतंकवादियों के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए हुई बैठक में बम फटने से 42 लोगों की मौत, 58 घायल।

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