इतिहास के पन्नों में : 6 मार्च – जब ‘युवा तुर्क’ ने छोड़ी कुर्सी

चंद्रशेखर भारतीय राजनीति में एक ऐसा नाम, जिसने सत्तारूढ़ पार्टी में रहते हुए इंदिरा गांधी सरकार की ओर से देश पर थोपे गये आपात काल का विरोध किया। इसके पहले ही अपने चिर विद्रोही की भूमिका के कारण वे युवा तुर्क की पहचान रखने वाले नेताओं में शुमार हो चुके थे। ऐसे चंद्रशेखर ने उसी कांग्रेस के समर्थन से देश के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली।

तब मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के खिलाफ देश भर में खूनी विरोध और रामजन्म भूमि के लिए रथयात्रा पर निकले लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी हुई। भारतीय जनता पार्टी ने विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। कांग्रेस के समर्थन पर अपने मात्र 64 सांसदों वाले चंद्रशेखर ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली कि देश में अमन चैन वापस लाना चाहते हैं।

अलग बात है कि 10 नवंबर 1990 को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले चंद्रशेखर ने 06 मार्च 1991 को पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस सरकार के कामों में दखल देने लगी, जो प्रधानमंत्री को पसंद नहीं था। इसी बीच कांग्रेस के समर्थन वापस लेने की खबरों के बीच चंद्रशेखर ने स्वयं कुर्सी छोड़ दी। वे सिर्फ चार महीनों तक प्रधानमंत्री रहे, फिर सरकार चुने जाने तक 21 जून 1991 तक उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली।इस तरह 06 मार्च का यह दिन चंद्रशेखर के कुर्सी छोड़ने के लिए भी याद किया जायेगा।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएंः

1508: हुमायूं का काबुल में जन्म।

1775: रघुनाथ राव और अंग्रेजों के बीच सूरत की संधि पर हस्ताक्षर।

1902: स्पेन में मशहूर फुटबॉल क्लब ‘मैड्रिड क्लब’ की स्थापना।

1915 : शांति निकेतन में महात्मा गांधी और रबीन्द्रनाथ टैगोर की पहली मुलाकात।

1924: मिस्र सरकार ने 14वीं शताब्दी में मिस्र के शासक रहे तूतनखामेन की ममी को खोला।

1957: घाना एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।

2009: वायुसेना में करीब तीन दशक तक कार्यरत लड़ाकू विमान मिग-23 ने अंतिम उड़ान भरी।

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