इतिहास के पन्नों मेंः 17 मई – विश्वस्तरीय सुविधा वाले होटलों की श्रृंखला खड़ी कर दी

लोग उन्हें सीपी कृष्णन नायर के नाम से जानते थे लेकिन उनका पूरा नाम था- चित्तरत पूवक्कट्ट कृष्णन नायर। जानने वालों के बीच कैप्टन नायर के नाम से मशहूर सीपी कृष्णन का जीवन उन नौजवानों के लिए प्रेरणा है जो व्यवसाय के क्षेत्र में जाने की हसरत रखते हैं।

9 फरवरी 1922 को केरल राज्य के कन्नूर में पैदा हुए नायर ने करियर की शुरुआत भारतीय सेना के कैप्टन के रूप में की। उनकी पहली पोस्टिंग एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में वायरलेस ऑफिसर के रूप में हुई। हालांकि 1952 में उन्होंने सेना से रिटायरमेंट ले लिया और अपने ससुर यानी धर्मपत्नी लीला के पिता की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में ज्वाइन की।

आगे चलकर उन्होंने अपनी धर्मपत्नी लीला के नाम पर एक कंपनी की स्थापना की। यह दौर कैप्टन नायर की जिंदगी के लिए अहम मोड़ साबित हुआ। उन्होंने विश्वस्तरीय मानकों और सुविधाओं वाले ‘लीला ग्रुप ऑफ होटल्स’ की नींव रखी। यहीं से देश के प्रमुख होटल व्यवसायी के रूप में उनकी पहचान की शुरुआत हुई। दिल्ली, मुंबई, बंगलोर, उदयपुर जैसे शहरों में इस ग्रुप के होटल देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भव्यता की पहचान हैं।

असाधारण उद्यमी, दूरदृष्टा व पर्यावरण प्रेमी सीपी कृष्णन नायर को देश-दुनिया के विभिन्न पुरस्कारों के साथ भारत सरकार की तरफ से 2010 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। 92 साल की उम्र में 17 मई 2014 को मुंबई में उनका निधन हो गया।

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