कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित सारदा चिटफंड मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जमकर आलोचना की है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के खंडपीठ ने कहा है कि वर्ष 2014 से मामले की जांच हो रही है और अभी तक जांच कहां पहुंची? इतने दिनों से आप लोग क्या कर रहे हैं? कोर्ट ने आज सीबीआई के अधिवक्ता से मामले में अब तक हुई जांच की प्रगति के बारे में जानना चाहा था। लेकिन इस बारे में बताने के लिए सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट से समय मांगा। इसे लेकर मुख्य न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए कहा कि इतने सालों से जांच हो रही है अब तक इसमें क्या कुछ पता चला, यह भी आपको पता नहीं है? यह बताने के लिए आपको समय चाहिए? अजीब बात है।
इसके अलावा यह भी आरोप है कि वर्तमान में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी जो चिटफंड के समय तृणमूल कांग्रेस में थे, उन्होंने भी बड़े पैमाने पर सारदा समूह से पैसे लिए। तब पूर्व मेदिनीपुर में स्थित उनके आवासीय क्षेत्र की कांथी नगर पालिका पर उनका दबदबा था। आरोप है कि वहां से कई सारी महत्वपूर्ण फाइलें जो सारदा चिटफंड से संबंधित हैं, वे गायब हो चुकी हैं। कांथी थाने की पुलिस इसकी जांच कर रही है। उस मामले को भी सीबीआई को ट्रांसफर करने की अर्जी हाईकोर्ट में लगाई गई थी। इसे लेकर शुभेंदु अधिकारी के अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रहा है। चिटफंड के प्रमुख सुदीप्त सेन जो बार-बार रुपये देने का दावा कर रहे हैं उनसे कई बार पूछताछ हुई है और फिलहाल जेल में हैं। अब राजनीतिक दबाव में नए-नए दावे कर रहे हैं जिसमें जांच करने का अधिकार पुलिस को नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस अगर इस मामले की जांच कर भी रही है और सारदा संबंधी कोई फाइल चोरी हुई है तो यह बात कायदे से सीबीआई को बतानी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही है। लेकिन राज्य पुलिस ने कुछ बताया ही नहीं है। इसके बाद न्यायाधीश ने 22 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई मुकर्रर करते हुए कहा कि उसी दिन सीबीआई के अधिवक्ता यह भी बताएं कि जांच में अब तक क्या प्रगति हुई है?