इतिहास के पन्नों में 31 जनवरीः चांद-सितारों का संसार, आदम इच्छा अपार

देश-दुनिया के इतिहास में 31 जनवरी की तारीख तमाम अहम कारणों से इतिहास में दर्ज है। यह तारीख अलग-अलग वर्ष में अंतरिक्ष विज्ञान की उपलब्धियों के लिए भी जानी जाती है। वैसे भी अंतरिक्ष की अथाह ऊंचाइयों ने हमेशा से इनसान को आकर्षित किया है। सोवियत संघ के इस दिशा में शुरुआत किए जाने के बाद अमेरिका इस होड़ में शामिल हुआ। इसके बाद दुनिया के कई बड़े देशों ने अंतरिक्ष के अन्वेषण की दिशा में काम किया।

इस क्षेत्र में भारत ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है। यह अजब संयोग है कि अमेरिका ने 31 जनवरी, 1958 को अपना पहला अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा और वह भी 31 जनवरी का ही दिन था जब नासा ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा। इसके बाद 31 जनवरी को अमेरिका ने मानवयुक्त अपोलो यान को चंद्रमा की तरफ रवाना किया। अंतरिक्ष से जुड़ी यह घटनाएं अलग-अलग वर्षों में हुईं, लेकिन तारीख एक ही थी 31 जनवरी।

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