कालीघाट वाले काकू ने बेटी-दामाद को भी बनाया था नौकरी गिरोह का गुर्गा, काला धन सफेद करने की दी थी जिम्मेवारी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए कालीघाट वाले काकू यानी सुजय कृष्ण भद्र के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में कई चौकानेवाली जानकारियां सामने आ रही हैं। कोलकाता के नगर दायरा अदालत में 126 पन्नों की जो चार्जशीट ईडी ने पेश की है उसमें इस बात का भी जिक्र किया है कि काकू ने अपने काले धन को सफेद करने की जिम्मेवारी किसी और को नहीं बल्कि खुद के बेटी और दामाद को दी थी।

चार्जशीट के पेज नंबर 83 पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि कोलकाता में करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च कर देवरूप चटर्जी नाम के एक व्यक्ति ने फ्लैट खरीदा था। वह कोई और नहीं बल्कि काकू की बेटी पारोमिता चटर्जी के पति हैं। इन्हें फ्लैट खरीदने के लिए ये रुपये किसी और ने नहीं बल्कि काकू ने ही अपने एक करीबी व्यक्ति दिवाकर खेमका और उसकी संस्था के जरिए लोन के तौर पर दिलवाया था। इतना ही नहीं बेटी दमाद के फ्लैट के लिए और 45 लाख रुपये की व्यवस्था कालीघाट वाले काकू ने अपनी कंपनी वेल्थ विजार्ड के जरिए की थी जिसमें शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के एवज में वसूले गए रुपये को डालकर ब्लैक से वाइट किया गया था।

चार्जशीट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम की धारा 50 के तहत दिवाकर का बयान भी लिया गया है। यह भी पता चला है कि बेटी दमाद दोनों पिता के काम में मददगार थे और इन्हें काले धन को विभिन्न संस्थाओं के जरिए डालकर सफेद करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी।

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